उरई.प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मन्त्री धर्मपाल सिंह ने जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
मंत्री जी ने सख्त निर्देशित करते हुए कहा कि 31 दिसम्बर तक निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थलों में संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और इस कार्य में किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्य मिशन मोड में अभियान चलाकर शत प्रतिशत पूर्ण किया जाना है। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित अधिकारी निर्धारित अवधि में अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं करता और निराश्रित गोवंश किसानों के खेतों, सड़कों, गांव या नगर कस्बों की गलियों में विचरण करते हुए पाये जाते हैं तो उनके खिलाफ बिना किसी लिहाज के गाज गिराई जायेगी । उन्होंने आवाहन किया कि गौशाला के उचित प्रबंधन के लिए चेयरमैन, ब्लाक प्रमुख व प्रधान अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता के साथ निभाएं । उन्होंने कहा कि गोवंश के संरक्षण में संवेदनशीलता बरती जाए और विशेष सचल दस्ते, ट्रैक्टर एवं कैटल कैचर की सहायता ली जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस कार्य में पशुधन विभाग पंचायती राज, ग्राम विकास, राजस्व एवं नगर निकाय विभाग से सहयोग एवं समन्वय स्थापित करे । उन्होंने कहा कि संरक्षित किए जाने वाले गोवंश की देखभाल हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे हरा चारा, भूसा, टीनशेड, विद्युत आपूर्ति, पेयजल एवं उपचार व सर्दी से बचाव आदि के पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि चारागाह की भूमि पर हरा चारा लगाया जाए जिससे गोवंश के लिए पर्याप्त मात्रा में हरा चारा उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहभागिता योजना में अधिक से अधिक गोवंश सुपर्दगी में दिए जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी हो इसके लिए खेती पर ही निर्भर नही रहना है, इसके लिए किसान भाई पशुपालन कर आय दोगुनी कर सकते हैं. इसके लिए कार्य योजना बनाकर किसानों को प्रेरित करें, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह गाय के गोबर से विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बनाकर अपनी आय वृद्धि करें जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकें । उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि गाय के गोबर पर कार्य योजना बनाकर कार्य करें.गाय के गोबर से खाद बनाकर फसलों में प्रयोग किया जाए जिससे बीमारी भी दूर होगी और उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान के साधन अपना कर देसी नस्लों को जर्सी गाय व अन्य नस्लों में परिवर्तित करें । उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में गौशाला, पाठशाला, व्यायाम शाला व यज्ञशाला किसानों की अर्थव्यवस्था का आधार होती थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार लगातार किसानों के हित में कार्य कर रही है, बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के गठन के बाद यह इलाका औद्योगीकरण की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। अब बुंदेलखंड बदल रहा है, पशुपालन के माध्यम से भी किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। जिला प्रशासन की पहल पर मंत्री जी ने एक वृहद गौशाला बनवाने की स्वीकृति दी।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ घनश्याम अनुरागी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक ईरज राजा, मुख्य विकास अधिकारी भीमजी उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी निर्मल कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद गुप्ता आदि अधिकारी मौजूद रहे।