उरई। जिला अस्पताल में लंबे समय से बीमारी से त्रस्त एक युवक ने परिसर के अंदर फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि जिला अस्पताल के कर्मी की मौजूदगी में उक्त व्यक्ति ने कैसे फांसी लगा ली।
नगर के मोहल्ला कृष्णा नगर निवासी मनीष वर्मा (30 वर्ष) पुत्र शोभाराम वर्मा लंबे समय से बीमारी से ग्रसित था। वह डाक्टर को दिखाने जिला अस्पताल आया जहां डाक्टर ने उसके बलगम की जांच करवाई लेकिन जिस बीमारी के लिए वह चिंतित था वह नहीं निकली। उसको यह लग रहा था कि वह टीबी से ग्रसित है लेकिन जांच के उपरांत टीबी की रिपोर्ट निगेटिव आई। डाक्टर ने उसको एक्सरा कराने की सलाह दी लेकिन एक्सरे की रिपोर्ट दिखाने वह डाक्टर के पास नहीं गया। इसी बीच सुबह दस के ग्यारह बजे के आसपास जिला अस्पताल की पैथालाजी के बगल में पार्किंग में लगी टीन शेड के कुंडे से उसने फंदा बनाकर फांसी लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना से जिला अस्पताल की लापरवाही भी सामने आई है। घटना के लगभग डेढ़ से दो घंटे बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। जब तक शव फंदे से लटकता ही रहा। आश्चर्य की बात है कि दिनदहाड़े भीड़भाड़ वाले स्थल पर इतनी बड़ी घटना घटित हो गई लेकिन अस्पताल कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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