उत्तर प्रदेश में उच्च सदन विधान परिषद के पांच स्नातक और छह शिक्षक क्षेत्रों के लिए पिछले दिनों संपन्न हुए चुनाव अत्यंत रोमांचक रहे। इन चुनावों से बहुजन समाज पार्टी दूर रही। मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच हुआ। शिक्षक खंडों में भाजपा ने सुनियोजित ढ़ंग से माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट का वर्षो से स्थापित किला ़ढ़हा दिया। यह चुनाव और भी तमाम उलट फेरों का साक्षी बने।
सीटों का गणित
उत्तर प्रदेश विधान सभा में कुल स्थान 100 हैं। जिनमें से 38 के लिए विधायकों द्वारा सदस्य चुने जाते हैं। स्थानीय निकाय प्रतिनिधि 38 सदस्य चुनते हैं। आठ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और आठ स्नातक निर्वाचन क्षेत्र हैं। 10 सीटें राज्यपाल द्वारा मनोनीत कर भरी जाती हैं। इन चुनावों के पहले सदन के सोलह स्थान रिक्त हो गये थे लेकिन 11 स्थानों पर ही चुनाव कराया गया।
संख्या बल में कहां कौन दल
विधान परिषद में सबसे बड़ा दल समाजवादी पार्टी है। जिसकी सदस्य संख्या चुनाव के पहले 52 थी। चुनाव के बाद और बढ़कर 55 हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के 19 सदस्य थे जिसे विधेयक पारित कराने में सहूलियत के लिए बहुमत की ओर अग्रसर होना है। चुनाव के बाद उसके सदस्यों की संख्या 25 हो गई है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के आठ, कांग्रेस के दो, अपना दल का एक, शिक्षक दल का एक और तीन निर्दलीय सदस्य हैं।
वैसे निवर्तमान सदस्यों का कार्यकाल गत 06 मई को ही समाप्त हो गया था लेकिन कोरोना की अभिशप्त छाया के कारण उस समय चुनाव कराना संभव नहीं हो सका।
बड़े उलटफेर
विधान परिषद के इन चुनावों में बड़े उलटफेर हुए। भाजपा ने वित्तविहीन मान्यता वाले इंटर कालेजों के शिक्षकों को मताधिकार दिलाकर जो दाव खेला वह शिक्षक दल के किले को भेदने में कामयाब रहा। सबसे बड़ा उलटफेर मेरठ सहारनपुर शिक्षक निर्वाचन खंड में हुआ, जहां 48 साल से काबिज शिक्षक दल के अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा को भी पराजय का मुंह देखना पड़ा। प्रथम वरीयता के मतों की गणना में ही ओमप्रकाश शर्मा बुरी तरह पिछड़ गये थे, उन्हें प्रथम वरीयता के सिर्फ 3003 मत मिल सके जबकि भाजपा के श्रीशचन्द्र शर्मा ने 7187 मत हासिल कर 4184 मतों की बढ़त बना ली थी। सिर्फ गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक खंड में ओमप्रकाश शर्मा गुट का प्रत्याशी सफल हो सका क्योंकि इस खंड में भाजपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा था। यहां से निवर्तमान एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी को सफलता मिली, भाजपा उनके समर्थन में रही। वे यहां से तीसरी बार चुने गये हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अजय सिंह को हराया। अन्य शिक्षक खंडों में आगरा खंड में आकाश अग्रवाल ने ओमप्रकाश शर्मा गुट के जगवीर जैन को, लखनऊ शिक्षक खंड में शिक्षक दल चंदेल गुट के डा0 महेन्द्र नाथ राय को भाजपा प्रत्याशी उमेश द्विवेदी ने हराया। यहां सपा प्रत्याशी उमाशंकर सिंह तीसरे स्थान पर रहे। ध्यान रहे कि उमेश द्विवेदी पहले इस सीट से निर्दलीय तौर पर भी जीत चुके थे। बरेली मुरादाबाद शिक्षक खंड में भाजपा की हरी सिंह ढ़िल्लो सपा के डा0 संजय मिश्रा के मुकाबले विजयी हुए।
भाजपा की प्रधानमंत्री के क्षेत्र में किरकिरी
भाजपा की सबसे बड़ी किरकिरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में हुई। यहां शिक्षक क्षेत्र से भाजपा ने शिक्षक दल के एक और गुट के प्रत्याशी चेत नारायण सिंह को समर्थन दिया था। सपा प्रत्याशी लाल बहादुर यादव ने न केवल उनको हरा दिया बल्कि शेष नारायण सिंह को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी प्रमोद मिश्रा रहे। स्नातक क्षेत्र में भी यहां सपा को ही सफलता मिली। यहां से आशुतोष सिन्हा निर्वाचित हुए। गौरतलब यह है कि वाराणसी की यह दोनों सीटें गत दो अंतरालों से भाजपा के पास थी।
इसी तरह इलाहाबाद झांसी स्नातक खंड में भाजपा के चार बार के विजेता यज्ञदत्त शर्मा को समाजवादी पार्टी के मान सिंह यादव ने हराकर इतिहास रच दिया। हालांकि लखनऊ स्नातक क्षेत्र में बीजेपी के अवनीश सिंह पटेल ने कड़ी टक्कर के बाद निर्दलीय कांति सिंह को हरा दिया। आगरा और मेरठ स्नातक खंडों में भी भाजपा के ही उम्मीदवार क्रमशः मानवेन्द्र सिंह और दिनेश गोयल विजयी हुए।
इनका कार्यकाल पूरा होने से हुए थे चुनाव
लखनऊ स्नातक खंड से कांति सिंह, वाराणसी खंड स्नातक से केदार नाथ सिंह, आगरा स्नातक खंड से डा0 असीम यादव, मेरठ स्नातक खंड से हेम सिंह पुंडीर और इलाहाबाद झांसी स्नातक खंड से डा0 यज्ञदत्त शर्मा।
उधर लखनऊ शिक्षक खंड से उमेश द्विवेदी, वाराणसी शिक्षक खंड से चेतनारायण सिंह, आगरा शिक्षक खंड से जगवीर किशोर जैन, मेरठ सहारनपुर शिक्षक खंड से ओमप्रकाश शर्मा, बरेली मुरादाबाद शिक्षक खंड से संजय कुमार मिश्रा और गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक खंड से ध्रुव कुमार त्रिपाठी।
स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में कुल मतदाता 12 लाख 69 हजार 817 पंजीकृत थे। जबकि शिक्षक निर्वाचन खंड में कुल मतदाता संख्या 02 लाख 6 हजार 335 थी। 199 प्रत्याशियों ने इन चुनावों में भाग्य आजमाइश की। इनमें सबसे ज्यादा तीस उम्मीदवार मेरठ स्नातक खंड में रहे जबकि सबसे कम 11 उम्मीदवार रहे लखनऊ शिक्षक क्षेत्र में। अन्य क्षेत्रों में आगरा स्नातक खंड से 22 प्रत्याशी, इलाहाबाद झांसी स्नातक खंड से 16 प्रत्याशी, लखनऊ स्नातक खंड से 24 प्रत्याशी, वाराणसी स्नातक खंड से 22 प्रत्याशी, आगरा शिक्षक खंड से 16 प्रत्याशी, बरेली मुरादाबाद शिक्षक खंड से 15 प्रत्याशी, गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक खंड से 16 प्रत्याशी, मेरठ शिक्षक खंड से 15 प्रत्याशी और वाराणसी शिक्षक खंड से 12 प्रत्याशियों ने जोर आजमाइश की।
इन चुनावों ने जहां भाजपा की बढ़त को बनाये रखा है वहीं प्रदेश की राजनीति में सपा के दमखम को भी साबित किया है। जिससे ये चुनाव सपा के आत्मविश्वास के लिए संजीवनी प्रतीत हो रहे हैं।
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