उरई | गोवंश संरक्षण के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी स्वप्न को जनपद में साकार करने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक रखी है | प्रशासन के इस कटिबद्ध प्रयास का असर जमीनी स्तर तक देखा जा सकता है | गो वंश की रखवाली में ढील न आने देने के लिए हर गो शाला और गो आश्रय केन्द्र के लिए एक एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर उसे जवाबदेह बनाया गया है |
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के विशेष प्रयास से जनपद में गोवंश पोषित करने की मिसाल कायम हुई है । सड़कों व किसानो के खेतों पर निराश्रित गोवंश न दिखें, इसके लिए 413 गौशाला व अस्थायी गौ आश्रय स्थलों में 82 नोडल अधिकारी तैनात करने के बाद, गौशालाओं में संरक्षित गौवंशो के लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की गयी है। बताते चलें कि जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा नगरों व ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहे निराश्रित गौवंशो के ब्लॉक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं , अभियान चला कर कैटल कैचर के माध्यम से गौवंशो को सहेज कर संबंधित गौशाला व अस्थायी गौ आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया । इसके बाद भी छुटपुट शिकायत प्राप्त हो रही थी, जिलाधिकारी ने निराश्रित गौवंशो से आम नागरिकों व किसानों को निजात दिलाने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जिसका नंबर 05162-250288 सबको उजागर किया गया है | इस नंबर पर लगभग 35 शिकायतें विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त हुई, शिकायतों का त्वरित संज्ञान लिया गया, कैटल कैचर के माध्यम से निराश्रित गौवंश को ला कर गौशालाओं में संरक्षित किया गया । संरक्षित गौवंशो की देखरेख हेतु जनपद की समस्त गौशालाओं व गौ आश्रय स्थलों में केयर टेकरों को सुबह-शाम 24 घण्टे के लिए नियुक्ति किया गया, केयर टेकरों का नाम मोबाइल नंबर वहीं बोर्ड पर प्रदर्शित कराया गया। संरक्षित गौवंशो की बेहतर निगरानी हो सके इसके लिए समस्त गौशालाओं व अस्थायी गौ आश्रय स्थलों में चरही, भूसा घर व मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया, साथ ही इसकी मॉनिटरिंग के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया गया, कंट्रोल रूम से 24 घंटे कर्मचारियों द्वारा गौशालाओं की विशेष निगरानी की जा रही है। निराश्रित गोवंशों के रख-रखाव के लिए जनपद में करीब 413 गौशालाएं व अस्थायी गौ आश्रय स्थल है, इनमें लगभग 40 हजार गाय व नंदी रहते हैं, गौशाला में पर्याप्त मात्रा में भूसा और हरे चारे की व्यवस्था जिला प्रशासन करता है ताकि कोई भी पशु भूख-प्यास से बेचैन होकर सड़कों पर न भटके. वहीं सरकार की मंशा भी है कि गौशाला में गौवंशों की बेहतर देख-रेख की जाए, गौशाला में जो गाय बीमार हो जाती है उनकी देखभाल के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी पहुंचते हैं। लगातार पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी गौशालाओं का निरीक्षण करते रहते हैं।
स्थानीय किसानों का कहना है कि निराश्रित गौवंशो के उपद्रव से निजात मिली है, अब गौवंश खेतों पर विचरण करते नहीं मिल रहे हैं, पहले किसान अपनी फसल को रखवाली के लिए रात-रात भर जागना पड़ता था। हम उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं कि गौवंशो के लिए इतना बेहतर इंतजाम किया है। हम किसान बहुत खुश है कि अब न तो रात में जागना पड़ता है और न खेतों की रखवाली करनी पड़ती है।