जालौन –उरई | जहां एक ओर बिजली विभाग के मीटर रीडर का कई महीनो से प्रकरण लगातार सुर्खियां में चल रहा है । वहीं नगर में पुराने मीटर रीडर ने आरोप लगाया है कि जब नगर से सभी मीटर रीडरों का स्थानांतरण ग्रामीण क्षेत्र में और ग्रामीण क्षेत्र के मीटर रीडरों को नगर क्षेत्र में तैनाती का आदेश किया गया था, तभी से जालौन नगर के मीटर रीडरों का प्रकरण पूरे जिले में हाइलाइट है। आज नगर जालौन में चेकिंग करने को आए नोडल अधिकारी मनीष दुबे के साथ उपखंड अधिकारी कौशलेंद्र सिंह और जे ई नवीन कंजोलिया के साथ एक पुराना मीटर रीडर चेकिंग करते हुए पाया गया जो अब नगर जालौन में मीटर रीडर नहीं है | जब इस विषय में जालौन जे ई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे अभी इसकी जानकारी नहीं है कि कौन मीटर रीडर नगर का है कौन ग्रामीण का है । कुछ मीटर रीडरों ने यह भी आरोप लगाया कि नगर में जिन नए मीटर रीडरों की आईडी बनी है उनमें अच्छा खासा लेनदेन भी हुआ है | जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लड़कों को नगर में न बुलाकर नई आईडी बना दी गई है ,जो नई आई डी नगर में बनी है उनको कुछ पुराने मीटर रीडर ही अपने हिसाब से चला रहे हैं और बिजली विभाग को काफी नुकसान पहुंचा कर कई तरीके से धन उगाही भी कर रहे हैं। नगर के कुछ मीटर रीडर के एरिया में किसी भी विभागीय आधिकारी और कर्मचारियों की क्रॉस चेकिंग करने की भी हिम्मत नहीं है क्योंकि इन मीटर रीडर के उपर किसी उच्च अधिकारी का हांथ है। जिसकी वजह से बह मीटर रीडर अपनी साइट पर कई मीटर में रीडिंग स्टोर किए हैं और कई बड़े बड़े घरों के मीटर को खराब करके औसत से बिल बनाकर हजारों रूप की वसूली भी कर रहे है, जानकारों की माने तो इन मीटर रीडर की वसूली का हिस्सा उपर तक पहुंचता है जिससे कम्पनी और विभाग के आधिकारी इनको हमेशा अपने चहेतों के रुप में मानते हैं और इसी वजह से इनको पुरी छूट दी गई है कि आप कुछ भी करो अपको कोई परेशान नहीं करेगा। कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि अगर नगर में नई आईडी बनाकर जो मीटर रीडर काम कर रहे हैं उनके बिलिंग एरिया की सही तरीके से जांच की जाए तो पता चल जाएगा कि ये बिजली विभाग को कितना बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं । यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों का भी है | ग्रामीण क्षेत्रों के मीटर रीडर को ज्यादा से ज्यादा बिल ओ सी आर और प्रोब से बनाना है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। ग्रामीण क्षेत्रों के मीटर रीडर की अगर सही लोकेशन निकाली जायेतो सच सामने आ जायेगा कि एक जगह बैठकर बिलिंग परसेंट पूरी कर दी है | ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिल नहीं मिलने से उपभोक्ता बराबर ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। बही ग्रामीण राजकुमार, अवधेश, श्याम बहादुर, सुनील, मनोज आदि उपभोक्ताओ का आरोप है कि हमको कभी बिल नही मिलता | हमको ऑफिस में जाकर अपना बिल की जानकारी करनी पड़ती है। इसकी निष्पक्ष जांच कराने के लिए समाज सेवी और कई मीटर रीडरभी उच्च अधिकारियों से पत्र के माध्यम से और मौखिक रूप से मांग कर चुके है लेकिन अभी तक किसी उच्च अधिकारी ने इसकी सही तरीक़े से जांच नहीं कराई है ।