उरई (सू०वि०)।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज महेन्द्र कुमार रावत द्वारा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित सखी वन स्टाप सेन्टर का निरीक्षण किया | इसी क्रममें उन्होंने जिला कारागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन भी किया जिसके बाद कारागार के सभी बैरिकों का जायजा लिया । इस दौरान शिविर में उपस्थित सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दियों को महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी प्रदान की गयी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पड़ें सचिव महेंद्र कुमार रावत ने शनिवार को जिला कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित सखी वन स्टाप सेन्टर का निरीक्षण किया जिसमें वहां की समस्त व्यवस्थाओं का अवलोकन किया गया। उन्होंने सेन्टर में उपस्थित मनो0 सहा0 परामर्शदात्री श्रीमती रागिनी को सेन्टर की व्यवस्थाओं एवं गर्मी के मौसम को देखते हुये कूलर आदि की व्यवस्था करने के लिये निर्देशित किया ।
इसके उपरान्त वे जिला कारागार पहुंचे जहां उन्होंने विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया । इसमें अपर जिला जज महेन्द्र कुमार रावत ने गिरफ्तारी के समय बन्दियों के अधिकार, प्ली-वार्गेनिंग स्कीम, समय पूर्व रिहाई और बन्दियों के अधिकारों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि कोई विचाराधीन बन्दी अधिकतम 07 वर्ष तक की सजा के मामलों में विचाराधीन है, तो जिन्होंने सजा के तौर पर कुछ अवधि जेल में बिता ली हो, वह पीड़ित पक्ष से समझौता कर उसे उचित मुवायजा देकर अपनी सजा न्यायालय से कम करा सकते है, लेकिन इस योजना का लाभ उनको नहीं मिलेगा जिन्होंने देश के विरूद्ध, महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अथवा आर्थिक अपराध किया हो।
इस कार्यक्रम के उपरान्त विचाराधीन बन्दियों की समस्याओं के निराकरण हेतु और उनको विधिक सहायता पहंुचाने के लिये उन्होंने जेल की सभी बैरिकों का निरीक्षण किया। वहां निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों से वार्ता की और उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु जिला कारागार प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
इस कार्यक्रम में असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल अभिषेक पाठक ने लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल से सम्बन्धित समस्त योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस मौके पर कारागार अधीक्षक नीरज देव, जेल चिकित्सक डॉ0 राहुल वर्मन, उप कारापाल तारकेश्वर सिंह व अमर सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कनिष्ठ लिपिक शुभम् शुक्ला समेत सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दी उपस्थित रहे।