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Saturday, October 5, 2024

आर0 जी0 यूफोरिया में हुआ बसन्तोत्सव कवि सम्मेलन व पूर्व सैनिकों का सम्मान

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लखनऊ । वृन्दावन योजना के सेक्टर-12 स्थित आर0जी0 यूफोरिया अपार्टमेंट के निवासियों द्वारा बसन्त पंचमी एवं महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की जयन्ती के अवसर पर बसन्तोत्सव कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया |  इस अवसर पर  पुलवामा काण्ड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये पूर्व मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, सार्जेण्ट, कैप्टन आदि विभिन्न रैंकों के 13 पूर्व सैनिकों व उनके परिवारीज नों को सम्मानित किया गया, जिसमें पूर्व कर्नल वी के बाजपेई व उनकी पत्नी अंजना बाजपेई द्वारा अपने पिता स्व0 बसन्त कुमार बाजपेयी की जयन्ती पर सभी को स्मृति चिन्ह भेंट किए गये।

 

उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के मुख्य समन्वयक व प्रसिद्ध कवि गिरधर खरे के संयोजन में हुए

कार्यक्रम की शुरुआत कवियों/पूर्व सैनिकों व अपार्टमेंट के निवासियों द्वारा मां सरस्वती व महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ’निराला’ के चित्र पर माल्यार्पण , पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन के साथ की गई, जिसमें मां वीणापाणि की वन्दना शिखा सिंह, नीलम खरे व नैना खरे ने सुमधुर कण्ठ से की । इसी के साथ पुलवामा के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए पूर्व सैनिकों मे0ज0 शलभ पचौरी/अंजू पचौरी, ब्रिगे0 विनय हाण्डा /विमी हाण्डा, ब्रिगे0 सुरजीत बसु, कर्नल वी0के0बाजपेयी/अंजना बाजपेयी, कर्नल चन्द्रभान सिंह, कर्नल अनिल मिश्रा/रीना मिश्रा, सू0मे0 पी0के0शर्मा/अनीता शर्मा, एमपीपीए धर्मेन्द सिंह/रीता सिंह, सार्जे0 कुलदीप पाण्डेय/आभा पाण्डेय, सार्जे0 अजय सिंह/सुनीता सिंह, सार्जे0 अभिजीत बोस/विभा बोस, सीपीओ मनोज गुप्ता/अनीता गुप्ता, सार्जे0 अभिषेक सिंह/अदिति सिंह को उपस्थित कवियो/कवयित्रियों व रहवासियों द्वारा माल्र्यापण, शाल व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया ।

 

इसके पश्चात कवि सम्मेलन का प्रारम्भ जब कवयित्री वर्षा श्रीवास्तव की सुमधुर वाणी वन्दना से हुआ तो श्रोताओं ने पूरी धुन में भरपूर तालियों से उनका साथ दिया। वरिष्ठ कवयित्री रजनी पाठक ने अपनी पंक्तियाँ- ‘‘कोरी ताकत आजमाओ मत, बंदर घुड़की दिखलाओ मत। भारत पर जाल बिछाआ मत,

तिनके तिनक बिछ जाओग ‘‘ पढ़कर कवि सम्मेलन की बेहतर शुरुआत की । कवि श्रेष्ठ नन्दलाल शर्मा ‘चंचल’ ने अपने सुमधुर कण्ठ से गीत, छन्दों और मुक्तकों से ऐसा रस घोला कि श्रोता उनकी पंक्तियों के साथ धुन में धुन मिलाते हुये तालियां बजाते रहे । हास्य-व्यंग्य, गीत, ग़ज़ल के प्रसिद्ध कवि विनोद गुप्त ‘भावुक’ की ग़जल के  शेरों- ‘‘दाल में हमको क कुछ भी काला, नहीं दिखा तो नही ं दिखा। भइया कोई गड़बड़झाला, नहीं दिखा तो नहीं दिखा। चाँदी की बारिश होने पर आँखे चुधिया जाता हैं, अब ऐसे में हमको घोटाला, नहीं दिखा तो नहीं दिखा’’ में श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य का परिचय मिला और उनकी पंक्तियां श्रोताओं के  दिलों में उतर गई । आकाशवाणी लखनऊ की उद्घोषिका और कवयित्री श्वेता शुक्ला ने आकाशवाणी की उदघोषणा से शुरुआत करते हुए जब ग़ज़लें पढ़ी तो श्रोता उसके रस में सराबोर हो गये । उनके  शेरों ‘‘दिल में  सूरज बस उनकी झलकती रही  और मिलन की तारीख टलती रही । लम्स मे उनकेए ऐसा करिश्मा हुआ, मुददतों मेरी उंगली महकती रही’’ को श्रोताओं का भरपूर प्यार मिला । मुक्तक सम्राट गिरधर खरे द्वारा बसन्तोत्सव पर प्रेम के सन्दर्भ में पढ़े गये मुक्तक- प्रेम  हमेशा प पूजा , त्याग, समर्पण होता है, प्रेम सदा श्रद्धा, विश्वास का अर्पण होता है। प्रेम  आत्म सौन्दर्य, देह तो सिर्फ बहाना है, प्रेम जगत का सबसे सुन्दर दर्पण होता है’’ को श्रोताओं द्वारा भरपूर तालियों के साथ सराहा गया । श्रोताओं की मांग पर श्रेष्ठ कवयित्री वर्षा श्रीवास्तव ने तरन्नम में कई गीत व मुक्तक पढ़े । उनके मुक्तक ‘‘नहीं मै ं अश्क जो आखों से गिरा दी जाऊं, मैं वो काजल हूं जो पलकों

पे बिठाई जाऊं । शख्सियत अपनी है सोने की कगन , नहीं मैं काच की चूड़ी जो तोड़ दी जाऊं’’ पर

तालियों की गड़गड़ाहट से हाल गूंजता रहा । 04 वर्षीय बालक सन्वित खरे के काव्यपाठ की सभी ने भरपूर

तालियों के साथ सराहना की । अन्त में कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे सबसे वरिष्ठ कवि वासुदेव बाजपेयी ‘अनन्त’ ने जब अपनी अवधी भाषा में हास्य-व्यंग्य की कविता- ‘‘हम कहा घर ैतिन घर ै चलौ, नेउत े क लिफ़ाफ ़ा द ै आयन। हम त ुम ना यहिमा खाय सकिति, हम गिद्ध भोज त े भरि पायन’’ सुनाई तो श्रोता अपनी हँसी नहीं रोक सके और उनके सम्मान मे ंदेर तक तालियाँ बजाते रहे ।

 

अपने  ढंग के अनूठे कवि सम्मेलन एवं पूर्व सैनिकों के  सम्मान समारोह के  कार्यक्रम में अरविन्द त्रिपाठी, विकास चन्द्र  राय, सुधीर सिन्हा, संजीव श्रीवास्तव, अनुराग दुबे, राजेश कुमार , ओ0पी0एन0 सिंह, नरेंद्र भटनागर, डी0पी0गुप्ता, विजय शर्मा, आर0के0तलवार, कामेश्वर राम, ओम प्रकाश खरे , कुलदीप गुप्ता, अर्चना त्रिपाठी, दीपा शर्मा ,रेनू शर्मा, शकुन पाण्डेय, नीलिमा अग्रवाल, सुनीता पाण्डेय, सुधा पाण्डेय, आशा चौधरी, गौरी मेहरोत्रा, सुमन अग्रवाल, अलका तलवार, हेमा श्रीवास्तव, रीना शर्मा, मनोरमा, शुभा सिंह आदि काफी संख्या में लोगों की महनीय उपस्थिति व सहयोग से कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा । कार्यक्रम  का सफल संचालन अपनी कविताओं से नैतिक सन्देश  देने वाले प्रसिद्ध कवि गिरधर खरे ने बहुत ही शानदार तरीके से किया । अन्त में रि0 कर्नल वी0के0 बाजपेई द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग देने वाले सभी रहवासियों व पूर्व सैनिकों एवं कवियों/कवयित्रियों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुये कार्यक्रम  का समापन किया गया।

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