उरई।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बुधवार को अचानक राजकीय मेडिकल काॅलेज का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों से मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं व उपचार में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये।
जिलाधिकारी अचानक राजकीय मेडिकल काॅलेज जा पहुंचे जिससे मेडिकल काॅलेज स्टाफ में खलबली मच गयी। उन्होंने सर्वप्रथम इमर्जेंसी ओटी, सर्जरी वार्ड, प्लास्टर कक्ष, इमर्जेंसी पंजीकरण कक्ष, ट्रामा सेंटर, न्यूरोलाॅजी, ओपीडी, डिजिटल एक्सरे कक्ष, आर्थो वार्ड, पीडिआ वार्ड आदि का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को आयुष्मान मित्र प्राथमिकता के साथ उपचारित करायें। आयुष्मान मित्र वार्ड में भर्ती मरीजों से वार्ता कर जिनके पास पात्र लाभार्थी होते हुये भी आयुष्मान कार्ड नहीं हैं उन्हें चिन्हित कर मौके पर ही उनके कार्ड बनवायें। उन्होंने कहा कि बिना आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों के लिये उचित दर पर उपकरण व दवाइयों के लिये टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाये। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब मेडिकल काॅलेज में पर्याप्त दवायें उपलब्ध हैं तो डाॅक्टरों को कोई जरूरत बाहर की दवा लिखने की महसूस नहीं होनी चाहिये।
इस दौरान प्राचार्य ने 100 बेड, 25 व्हील चेयर, 25 स्ट्रेचर की मांग की और सीएसआर फंड से सीटीएमआरआई के लिये धन की व्यवस्था करने का आग्रह किया। जिलाधिकारी ने कहा कि पत्र के माध्यम से अपनी मांगों को प्रेषित करें जिससे राजकीय मेडिकल काॅलेज में आवश्यक व्यवस्थाओं की पूर्ति की जा सके।
जिलाधिकारी ने इस दौरान मरीजों से भी फीडबैक लिया। ईईजी मशीन पर उपचार करा रहे मरीज से उसका अनुभव जाना। इस मशीन से मिर्गी, सिर दर्द व मेंटल ग्राफ चेक किया जाता है। इसी तरह भर्ती मरीजों से उन्होंने दवा और उपकरणों के संबंध में किसी प्रकार की परेशानी के बावत पंूछा। जिलाधिकारी ने मेडिकल काॅलेज परिसर में साफ सफाई ठीक न होने को लेकर नाराजगी प्रकट की।
इस दौरान मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डा. आरके मौर्य, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनडी शर्मा, सीएमएस मेडिकल डा. प्रशांत निरंजन, डिप्टी कलेक्टर राहुल द्विवेदी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।