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Monday, December 2, 2024

देव नगर चौराहे पर रात के अँधेरे में प्रतिमा रखवा कर जीती जंग , अपने नाम पर गरिमा को तार – तार देख आसमान पार से रोया महापुरुष

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जालौन-उरई  ।तमाम विरोधों के बाद देवनगर चौराहे पर आखिरकार रात के अंधेरे में एक मूर्ति रख दी गयी जो कपड़े से ढकी है। तमाम समाज सेवी तथा संगठन देव नगर चौराहे पर  अलग-अलग मूर्ति रखवाने के लिए जूझते रहे, जिसका सोमवार की रात में अंत हो गया। इसके साथ ही  मूर्ति रखें जाने के लिए हो रही राजनीति का अध्याय खत्म  हो गया । सोमवार की रात में देवनगर चौराहे पर कपड़े से लिपटी एक प्रतिमा हुई स्थापित।  मूर्ति स्थापित होने को लेकर नगर में बनी आम चर्चा।

देव नगर चौराहे पर मूर्ति रखी जाने को लेकर तमाम राजनीति चलती रही | शहर के प्रवेश द्वार के इस महत्वपूर्ण चौराहे पर अपनी अपनी पसंद के महा पुरुष की प्रतिमा रखवाने के लिए लोगों में बड़ी जोराजोरी हुई | यहां तक कि एक बार विद्यार्थी परिषद तथा एमएलसी प्रतिनिधि आमने-सामने आ गए थे अंततः एमएलसी आर पी रमा निरंजन को सरदार पटेल की मूर्ति को लेकर वापस लौटना पड़ा था । विद्यार्थी परिषद स्वामी विवेकानंद की मूर्ति स्थापित कराए जाने की मांग कर रहा था, तो वहीं नगर का बौद्धिक काउंसिल ग्रुप नगर की महान क्रांतिकारी ताई बाई की प्रतिमा लगाए जाने की मांग करने लगा। था। बौद्धिक काउंसिल ग्रुप का साथ प्राथमिक संघ, बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा तथा नगर के तमाम सभासदों ने भी देना शुरू कर दिया था । देवनगर चौराहे पर मूर्ति को लेकर ऐसा लगने लगा था कि जैसे मूर्ति नहीं रखी जा रही  हो जंग का मैदान सजाया जा रहा है । नगरवासी नगर के इतिहास को जीवित रखने के लिए बौद्धिक काउंसिल ग्रुप के साथ खड़े होकर ताई बाई की मूर्ति रखे जाने की मांग करने लगे । ताई बाई की प्रतिमा रखी जाने का बहुमत अधिक देखने पर सोमवार की रात देवनगर चौराहे पर कपड़ों से लिपटी एक प्रतिमा को रात के अंधेरे में चुपचाप रखवा दिया गया। जब सुबह लोगों ने देखा तो सब अचंभित रह गए तथा इसकी चर्चा नगर में जंगल की आग की तरह फैल गई । चौराहे पर तथा आम जनता के मुंह से एक ही बात कही जा रही थी कि आखिरकार प्रतिमा को रात के अंधेरे में क्यो रखा गया।ये तो प्रतिमा रखवाने वाले ही बता सकते हैं,कि उन्होंने प्रतिमा को रखने के लिये रात का सहारा क्यों लिया। फिलहाल मूर्ति रखे जाने के  अध्याय का आज अंत हो गया।

बौद्धिक काउंसिल ग्रुप के अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रकार से रात के अंधेरे में किसी भी महापुरुष की मूर्ति स्थापित करना उचित नहीं है नगर तथा क्षेत्र की जनता के साथ छलावा किया गया है। – वाचस्पति मिश्र

बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष प्रदुम्न दीक्षित ने कहा कि इस प्रकार रात के अंधेरे में मूर्ति रखना अनैतिक कार्य है लोकतंत्र विरोधी है किसी भी मूर्ति की स्थापना जनमत से होना चाहिए।महान पुरुष की प्रतिमा को रात के अंधेरे में नहीं रखा जाना चाहिए।-प्रदुम्न दीक्षित

 

 

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