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उरई । लता मंगेशकर पुरस्कार समारोह में विद्यार्थियों को लता मंगेशकर के संघर्ष की कहानी बताई गयी। कहा गया कि चुनौतियों से यदि लता घबरा जाती तो शायद उनकी प्रतिभा से भी विश्व अपरिचित रह जाता।
अरविंद माधुरी तिवारी महाविद्यालय की बीएससी छात्रा रेनुका साहू को ‘लता मंगेशकर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। विद्यार्थी को नगद धनराशि सहित सम्मान पत्र दिया गया। समारोह की मुख्य अतिथि अरुणा सक्सेना ने कहा कि लता बनना कोई आसान नहीं। उन्हें अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष करना पड़ा। यदि वे चुनौतियों से घबरा जाती तो आगे न बढ़ पाती। उन्होंने कहा कि भले ही कितनी भी विषम परिस्थिति क्यों न हो, हमें घबराना नहीं चाहिए। यदि फूल न भी खिले तो कांटों से निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
प्रमुख अतिथि वंदना श्रीवास्तव ने कहा कि हमेशा सीखते रहने की आदत डालनी चाहिए। लता जी ने अपने जीवन में संघर्ष किया। त्याग और परिश्रम से अपने लक्ष्य को प्राप्त किया था।
पुरस्कृत विद्यार्थी रेनुका ने कहा कि लता की जो जीवनी पढ़ी, उससे बहुत कुछ सीखने को मिला। पुरस्कार पाकर खुशी मिली।
इसके पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ चित्रों पर माल्यार्पण किया। सरस्वती वंदना लक्ष्मी, सान्या और राधा पाल ने प्रस्तुत की। रामजी ने स्वागत गीत गाया। दीपिका पोरवाल ने प्रभावपूर्ण संचालन किया। इस अवसर पर श्वेता शर्मा, योगेश पांडेय, आरती पांडेय, आरती सिंह, केके अग्रवाल, अनूप गुप्ता के अतिरिक्त विद्यार्थियों में दिव्या , खुशबू, खुशबू राजपूत, रोशनी सिंह, सोनाली, रश्मि, मुस्कान अंजली , सोनल , कौशकी, ईशा , राधा आदि उपस्थित रहीं।