अलवर | दिनांक 30 व 31 मई 2024 को तरूण आश्रम, भीकमपुरा अलवर, राजस्थान में तरुण भारत संघ, जल बिरादरी और परमार्थ संस्थान द्वारा पानी पंचायत का आयोजन किया गया, जिसका संचालन जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने किया। 30 मई 2024 माननीय न्यायाधीश गण प्रो. राणा प्रताप सिंह, डॉ. विनोद कुमार मिश्र, अनिल शर्मा, इबाहिम खान, डॉ. संजय सिंह के संपूर्ण भारत वर्ष से आयोजित पानी पंचायत में 16 वादियों ने पानी पंचायत के समक्ष अपनी-अपनी मौखिक याचिकाऐं दर्ज करायीं। तमाम बयानों और बहसों के आधार पर निम्नलिखित निणर्य लिए गए-
ऽ अभी तक नदियों के सुधार के लिए बनाये गये विभिन्न योजनाओं पर हुए खर्च के विवरण के लिए सीएजी रिर्पोट एक महिने में सार्वजनिक किया जाये।
1.नदियों और तालाबों को संरक्षित करते हुए इन पर होने वाले हर तरह के अतिक्रमण को सरकार शीघ्र मुक्त कराये और इसकी जिम्मेदारी तय की जाये। प्रगति रिर्पोट से अदालत को एक महिने में अवगत कराया जाये।
2.जल स्त्रोतों को प्रदूषण करने वाले सभी उद्योगों और अन्य व्यक्तियों एवं समूहों को चिन्हित करके कानून के अनुसार दण्डित किया जाये। इनके लिए जो नियत विभाग और अधिकारी हैं, उनकी जिम्मेदारी तय की जाये तथा एक स्वतंत्र निगरानी समिति बनाकर समय-समय पर स्वतंत्र आकलन की व्यवस्था करायी जाये।
3.भारत के संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है, जब तक कि, उस व्यक्ति की बात के पीछे निजी या व्यवसायिक लाभ न हो। स्वयं सेवी संस्थान विधि संगत ही अपनी शिकायतें करें।
4.नदियों में हो रहे अवैध खनन को रोका जाये और वैद्य खनन की भी निगरानी नदी के आस-पास के समाज द्वारा की जाये।
- भारत में नदी नीति के आलोक में नदी संरक्षण कानून का निर्माण किया जाये, जिसमें नदी के किनारों के समाजों एवं समुदायों और सभी जीव-जंतुओं के अधिकारों को संरक्षित किया जाये। नदी एवं अन्य जल स्त्रातों को सामुदायिक संपत्ति माना जाये एवं इनका निजीकरण एवं व्यवसायिकरण उपयोग न होने दिया जाये। नदियों की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों और नदी कार्यकर्ताओं की एक समिति बनायी जाये और समय-समय पर अपनी राय का अनुपालन किया जाये।
- बूचड़खाने और उद्योगों के प्रदूषित पानी को जमीन के अंदर डालने वालों को कठोर से कठोर दण्ड देने के लिए कानून बनाया जाये।
- न्यायालय के आदेशों का पालन न हो तो इसे कोर्ट की अवमानना समझी जाये।
इसके बाद 31 मार्च 2024 को आयोजित हुए पानी पंचायत के सम्मानित पंच श्री अनिल शर्मा, श्री नीरज कुमार, डॉ. जगदीश चौधरी, श्री हिमांशु शर्मा, श्री संजय सिंह के समक्ष 16 वादीगण ने अपनी-अपनी समस्याओं और विचारों को रखा। जिन्हें पांच पंच (न्यायाधीश) ने बहुत ध्यान से सुनकर-समझकर सूक्ष्मतम ढंग से निम्नलिखित निर्णय दिए-
- पानी पंचायत की समस्याएें, उद्ेश्य एवं सार्थक दिशा स्पष्ट हो।
- सम्पूर्ण देश में पंचायत से राष्ट्रीय स्तर तक विधिवत पानी पंचायत आयोजित हो। इसके प्रतिवेदन में स्थानीय प्रकाशन, प्रतिनिधि एवं तरुण भारत संघ को समर्पित किया जाये।
2.पानी पंचायत के पंचो का चुनाव करते समय समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो।
- पानी पंचायत सदस्यों के लिए आचार संहिता बनाये जाये।
- पानी पंचायत का विधिवत जिलावार एवं राज्यवार संगठन के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाये।
- जल स़्त्रोतों को नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध कठोरतम् कानूनी कारवाई सरकार अविलंब करे।
- जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार अपनी नीतियां एवं कानून बनाकर जल संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक कार्य करे।
- पानी पंचायत के कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचानें के लिए शोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं संवाद किए जाएं। उसका संचालन तरुण भारत संघ द्वारा किया जाये।
- नदियों के संरक्षण-पुनर्जीवन एवं प्रबंधन से संबंधित सारी जिम्मेदारी जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार की होनी चाहिए।
- नदियों में न्यूनतम प्रवाह सुनिश्चित किया जाये। इसकी निगरानी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा की जाये।
- जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संर्वद्धन हेतु पानी पंचायत के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर दवाब समूहों का गठन किया जाये।
इस पूरी पंचायत में रन सिंह परमार, सुबोध नंदन शर्मा, राजकुमार सागवान, देवेंद्र कुमार शर्मा, प्रभाकर दुबे, बदन सिंह, अविनाश प्रताप सिंह, सुनील कुमार श्रीवास्तव,सतेंद्र सेंडिल, दीप सिंह , अरविंद सिंह, सिद्धोपाल सिंह, धनीराम रैकवार, तरुण भारत संघ के निदेशक मौलिक सिसोदिया, पूजा भाटी, अर्निमा जैन, सुरेश रैकवार, छोटे लाल मीणा, चमन सिंह, रणवीर सिंह, राहुल सिसोदिया, पारस प्रताप नारायण, सरोज सैनी, राहुल स्वर्णकार आदि उपस्थित रहे।