उरई | राठ रोड स्थित रिसोर्ट पर एक कवि सम्मेलन मुशायरा प्रसिद्ध समाजसेवी रहे सुरेंद्र मौखरी की याद में यज्ञदत्त त्रिपाठी की अध्यक्षता और मशहूर शायर शफीकुर्रहमान कशफ़ी के संचालन में आयोजित हुआ जिसकी शुरुआत प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम ने सरस्वती वंदना और बुन्देलखण्ड के रफी मिर्ज़ा साबिर बेग ने नाते पाक की | इस अवसर पर सैकड़ों लोगों की भीड़ की मौजूदगी में कविता और शायरी की सुर सरिता का प्रवाह देर रात तक चला जिसमें सभी कलम कारों ने अपनी गज़लों, गीतों , मुक्तकों से भीड़ को बांधे रक्खा | प्रारम्भ में दिव्यांशु दिव्य ने पढा-रोजगार मांगों तो ठेंगा दिखाते हैं,ये सियासत आज बहरी हो रही है,प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम ने पढ़ा ज़िंदगी की यही कहानी है,प्यार और दर्द की रवानी है,शिखा गर्ग ने पढ़ा पैसों से बिकती है आज बाजारों में,भाग्य में मुफ़लिसों के नहीं हैं कुर्सियां,शायर अख्तर जलील ने पढ़ा,ये मुहब्ब्त में क्या माजरा हो गया,वो मिला भी नही और जुदा हो गया | अनुज भदौरिया ने सुरेंद्र को समर्पित पढ़ा,तुमने अलख जगाई जो भी उसे न बुझने देंगे,सुरेंद्र तुम्हारे गौरव ध्वज को कभी न झुकने देंगे,कवियित्री शिवा दीक्षित ने पढ़ा ये जिंदगी का मेला श्वासों का है झमेला,मंज़िल सभी की एक है राही गया अकेला | असरार अहमद मुक़री ने पढ़ा सियासत और साहित्य में कोहना रहे सुरेंद्र,बाज़ारे अहले इल्म में सोना रहे सुरेंद्र | वरिष्ठ कवियित्री माया सिंह ने पढ़ा -देकर दिलों को दर्द अचानक चले गए,करके हवाएं सर्द अचानक चले गए | राघवेन्द्र कनकने ने पढ़ा,तुम्हारे बिना भी जीना पड़ेगा,हमने ये सोचा नहीं था | संचालन कर रहे कशफ़ी ने सुरेंद्र की याद करते हुए पढा,ये घाव वो है कशफ़ी जो भर नहीं सकता,कहाँ पे ढूंढे तुम्हें और कहाँ तलाश करें,इंदु विवेक ने पढ़ा_आये धरा पर थे मगर किये कार्य महान,किया समाज कल्याण सदा प्रभु चरणों में स्थान | सिद्धार्थ त्रिपाठी ने पढ़ा_ प्रिय सुरेंद्र तुम रहे नहीं विश्वास नहीं होता, किंतु लगे जब सत्य यही मन धीरज खोता होते है,श्रोमणि सोनी ,तुहारे अपनों की मेहनत की वो कमाई,डॉक्टर अमरेंद्र जी ने पढ़ा,कोई बिरला ही होता है इस दुनियाँ में,जिसके कर्मों को भूलना आसान नहीं,अंत में वरिष्ठ साहित्यकार सम्मानित यज्ञदत्त जी ने अपनी तमाम यादों के साथ सुरेंद्र को याद करते हुए पढा,आज हम उनका करें स्मरण, मार भी पाता नहीं जिनको मरण,बाद में सभी कलमकारों का सुरेंद्र मौखरी के बड़े भाई चंद्रशेखर मौखरी ने शाल और स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया | संध्या मौखरी ने सभी कवियित्रियों को सम्मानित किया |
इस मौके पर पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष आनंद यादव , प्रदीप दीक्षित , राघवेंद्र भदौरिया , सुदामा दीक्षित, डॉक्टर स्वदेश गुर्जर , रामसहोदर चाचा, रिंक्कू मौखरी , अखिलेश शर्मा,आनंद परिहार, टिंकू मौखरी, संध्या , राहुल पिरौना, अजीत गुड्डू , निर्दोष राजपूत, महेश सर, नवीन विश्कर्मा , दर्शन यादव , हिमांशु ठाकुर , महेश विश्वकर्मा,लल्लन यादव , भगवत मौखरी, बीनू ठाकुर, जीवन बाल्मीक , नौशाद भाई , अशोक यादव , फरहत उल्ला, ऋतुराज राजपूत , पवन पटेल आदि सैंकड़ों लोग मौजूद रहे |