उरई। घर में होने वाले कचरे को साफ कर बाहर न डालें। यह हमारे लिए बड़े काम का हो सकता है। गमलों में इस कचरे से उपयोगी जैविक खाद तैयार की जा सकती है, जिसका उपयोग हम घर पर ही पेड़ , पौधे,सब्जी उत्पादन में कर सकेंगे। यही काम कर रही हैं मेडिकल कालेज में तैनात स्टॉफ नर्स वर्षा सिंह | वह पर्यावरण के अनुकूल इस मुहिम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं।
पर्यावरण से बहुत ही प्रेम करती है। उन्होंने अपनी बालकनी को पेड़ पौधे से सजाया है। बालकनी में अगर हरे-घने पौधे हों तो घर की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। लेकिन पौधों को लगाना और उनकी देखभाल करना हर किसी के बस की बात नहीं होती । इसलिए आमतौर पर कई घरों में गमले में सूखे और मुरझाए पौधे देखने के लिए मिल जाते हैं। जो घरों में हम लोग रोज सब्जी बनाते है। उन्ही सब्जी के छिलके जो आपके खाने लायक नहीं होते हैं, वो वास्तव में पेड़-पौधों के लिए पोषक तत्वों का बेहतरीन सोर्स होते हैं। ऐसे में आप इन्हें कचरे में फेंकने के बजाय अपने गार्डन में डाल सकते हैं। एलोवेरा का बायो इंजिम भी बनाती है। पेड़ो को कीटनाशक से बचाने के लिए एलोवेरा का बायो इंजिम को तरह से तरह बनाये जा सकते है। घर में ही जैविक खाद तैयार करने को प्राथमिकता देती हैं। अपने घर की छत पर बड़े गमलों में घर के कूड़े-कचरे से जैविक खाद तैयार कर रही हैं। इतना ही नहीं गमलों में गेंदा, गुलहड़, पालम ट्री, स्नेक प्लांट, अपराजिता, वोगेन्विल्ला, मनी प्लांट के अलावा भी बहुत सारे पेड़ पौधे लगाये हुए हैं जो बालकनी की सुंदरता को शोभा बढ़ा रही है।