उरई | कालपी रोड स्थित सिने गृह का खचाखच भरा हाल , सांस रोके परदे पर तैर रहे भावुक कर देने वाले दृश्यों को निहारते दर्शक और माहौल में पूरी तरह सन्नाटा | यह नजारा था बुधवार को साबरमती फिल्म के यहाँ प्रदर्शित ख़ास शो का | सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा के संयोजन में आयोजित हुए इस शो को देखने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष उरविजा दीक्षित , उरई विधायक गौरी शंकर वर्मा , माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन , जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी , भाजपा के जिला महामंत्री अग्निवेश चतुर्वेदी सहित प्रमुख भाजपा नेता और कार्यकर्ता , जिले के अधिकारी , पत्रकार और अन्य विशिष्ट लोग सिने गृह पहुंचे थे |
हिदू भावनाओं को सशक्त ढंग से झकझोरने वाली इस सिने प्रस्तुति ने गणमान्यों को स्तब्ध कर दिया | सन 2001 में गुजरात के गोधरा में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों के साबरमती एक्सप्रेस में दहन की सच्चाई को इस फिल्म में उजागर किया गया है | केंद्र की तत्कालीन धर्म निरपेक्ष सरकार के रेल विभाग ने इस काण्ड को एक साधारण हादसा करार दे कर रफा दफा करने की कोशिश की थी लेकिन एक हिंदी पत्रकार ने साहस का परिचय देते हुए भंडाफोड़ किया कि यह घटना हादसा नहीं कार सेवकों के क्रूरता पूर्वक ज़िंदा दहन की सुनियोजित साजिश थी | निर्देशक ने बहुत ही कुशलता से इस घटनाक्रम को फिल्माया है जिसमें पात्रों के अभिनय कौशल का भी कमाल देखने को मिला | फिल्म इतनी प्रभावोत्पादक है कि दर्शक वर्तमान भूल कर 2001 की उस त्रासदी के समय में चले जाते हैं |
सदर विधायक गौरी शंकर ने कहा कि हिन्दू जागरण की दिशा में सशक्त योगदान करने वाली इस फिल्म के निर्माता , निर्देशक और अभिनेताओं को सलाम | अग्निवेश चतुर्वेदी ने कहा कि इस फिल्म को देख कर बंटेंगे तो कटेंगे के नारे की सटीकता स्पष्ट हो जाती है | फिल्म देख कर लौट रहे दर्शक रोमांच के साथ साथ अवसाद और गुस्से में डूबे दिखे | उनकी तनीं मुट्ठियाँ उनके मनोभावों की गवाही दे रहीं थी |