उरई | जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने शीत ऋतु के दृष्टिगत नगरीय निकायों में निराश्रित/ बेसहारा गोवंश के संरक्षण के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट सभागार में वर्चुअल बैठक कर मुख्य विकास अधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी व पशु चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जनपद की सभी गौशालाओं में व्यवस्थाएं सुदृढ़ है, किसानों को किसी भी क्षेत्र से गौवंश की शिकायत है तो कलेक्ट्रेट में स्थापित कंट्रोल रूम नंबर 05262-2502288 शिकायत दर्ज कराएं शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेकर केटल कैचर के माध्यम से पकड कर संबंधित गौशालाओं में संरक्षित किए जाएंगे। उन्होंने शीत ऋतु के दृष्टिगत नगरीय निकायों को गौशालाओं में निराश्रित / बेसहारा संरक्षित गौवंश की समुचित सुरक्षा, भरण-पोषण व साफ-सफाई आदि की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया। गोवंश को ठंड से बचाव हेतु आश्रय स्थलों में शीत लहर के प्रभाव को रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिए त्रिपाल, बोरा, पराली, अलाव इत्यादि का प्रबन्ध करने को कहा | उन्होंने चेतावनी दी कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी । कहा कि आश्रय स्थलों में निर्मित शेड को त्रिपाल एवं बोरे आदि से विधिवत कवर करा दिया जाय, जिससे ठण्डी हवाओं से गोवंश को सुरक्षित रखा जा सके। आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न संस्थाओं के पास उपलब्ध अनुपयोगी बोरा/टाट आदि गो आश्रय स्थलों को उपलब्ध कराकर प्रयोग में लिया जाये। गौ-आश्रय स्थलों की समुचित साफ-सफाई सुनिश्चित करायी जाए। आश्रय स्थलों में पानी, गोबर गोमूत्र आदि की निकासी की समुचित व्यवस्था रहे। गो आश्रय स्थलों में बिछावन हेतु पराली / लकड़ी बुरादा आदि का प्रयोग किया जाये और समय-समय पर बिछावन को बदल बदल कर साफ सफाई कराई जाए। वृद्ध, अशक्त व नवजात गोवंश पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है जिसके लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। निराश्रित गोवंश को ठंड से बचाने हेतु पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार जिसमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट उपलब्ध हो एवं स्वच्छ ताजा पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित रहे। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि रामपुरा, माधौगढ़, नदीगांव व महेवा आदि स्थानों पर विशेष अभियान चलाकर गौवंशों को गौशालाओं में संरक्षित करना सुनिश्चित करें, साथ ही मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक गौवंशों को सुपुर्दगी में दिया जाए। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में बेहतर ढंग से अभिलेखों का रखरखाव किया जाए, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर जिला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व खंड विकास अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि भरण पोषण की समय रहते ही डिमांड कर ली जाए, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गौशालाओं में रात व दिन केयरटेकर की 24 घण्टे तैनाती रहे। उन्होंने निर्माणाधीन वृहद गौ सरंक्षण केन्द्रों नुनवई , जुगराजपुर एवं रूपपुरा की समीक्षा कर तेज गति से कार्य करने के निर्देश दिए।