कोंच – उरई न| स्थानीय मथुरा प्रसाद महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना महाविद्यालय इकाई एवं राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संविधान दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें संविधान को लेकर छात्र छात्राओं एवं मंचासीन शिक्षकों ने अपने विचार रखें।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य विजय विक्रम सिंह ने की। कार्यक्रम में भारत के संविधान की कुंजी कही जाने वाली प्रस्तावना को भी सभी ने एक स्वर में पढ़ा। संविधान दिवस के अवसर पर विचार रखते हुए छात्र छात्राओं ने संयुक्त रूप से कहा कि संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों का पालन करना हर नागरिक का दायित्व है। भारत का संविधान एक सुदृढ़ एवं लोक कल्याणकारी दस्तावेज है।
उन्होंने कहा कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है और इसकी समस्त शक्तियों का स्रोत भी है | स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण के ऐतिहासिक कार्य में देश के अनेक महा मनीषियों के परिश्रम और महान विचारों की व्यापकता से एक लोककल्याणकारी संविधान की मजबूत संरचना संभव हुई थी।
कार्यक्रम में वक्ताओ ने बल पूर्वक कहा कि संविधान दिवस के इस अवसर पर हमें हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा जताए गए विश्वास को बनाए रखने के लिए संविधान में दिए गए कर्तव्यों के प्रति पूर्ण सचेत होना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 51(क) में निहित मौलिक कर्तव्यों का बोध करके उसी अनुसार आचरण करना होगा। संविधान निर्माताओं की इस भावना को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए संविधान के मूल्यों और इसमें निहित मूल कर्तव्यों को पूर्णतः जीवन में उतारना होगा।
इस अवसर पर मंचासीन प्राचार्य डॉ विजय विक्रम सिँह, सुधीर अवस्थी, डॉ भूपेंद्र त्रिपाठी, लोकेश कुमार,डॉ अल्पना सिंह, डॉ महेंद्र मिश्रा , मृदुल दाँतरे आदि रहे। वही पारसमणि अग्रवाल, सत्यम सागर, प्रज्ञा कीर्ति, श्रेया, शालिनी, प्रियांशी,शिवानी, तनिष्का, मुस्कान, अंजली, दीक्षा, निधि, शैलजा, दिव्या, साजदा, महक, स्नेहा, रोशनी, प्रज्ञा श्रुति, करन, अंशुल, कृष्णा, शिवांश, आर्यन, ध्रुव, सक्षम, सृष्टि आदि छात्र छात्राएं उपस्थित रही।