उरई | उच्च प्राथमिक विद्यालय, कुठौंदा,विकास खण्ड डकोर में कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), प्रयागराज द्वारा आयोजित 21 अगस्त से 23 अगस्त तक तीन दिवसीय शिल्प प्रदर्शन एवं जागरूकता कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न किया गया । उक्त कार्यक्रम का शुभारम्भ दिनांक 21 अगस्त 2024 को राजेंद्र कुमारी, इंचार्ज प्रधानाध्यापिका द्वारा किया गया । कार्यक्रम में विभिन्न शिल्पो में दक्ष हस्तशिल्पियों अनुज पहारिया, चंद्रशेखर गोयल, श्रीमती रामकुमारी एवं कमलेश ने अपने- अपने शिल्प का सजीव प्रदर्शन कर बच्चों को इसके बारे में बताया एवं सिखाया। इस अवसर पर कार्यालय विकास आयुक्त हास्य शिल्प की तरफ से उपस्थित हस्तशिल्प संवर्धन अधिकारी राम प्रकाश जी ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूक किया एवं उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विलुप्त होती हस्त कला को जीवंत रखना एवं नई पीढ़ी तक पहुंचाना है जिससे कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा हो सके। शिल्पकार अरविन्द पहारिया ने बच्चों को कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने हेतु उत्साह बढ़ाया तथा आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने हेतु प्रेरित किया । हस्तशिल्पी चंद्रशेखर गोयल ने बच्चों को कालपी के हस्तनिर्मित कागज से गिफ्ट बॉक्स, कैरी बैग, लिफाफा पेन स्टेण्ड आदि चीजें बनाना सिखाया, वही हस्तशिल्पी रामकुमारी ने बच्चों को क्रोसिया के माध्यम से मेजपोस, थाल्पोंस, झालर, झूमर, आदि बनाना सिखाया जबकि हस्तशिल्पी कमलेश ने बच्चों को सिकड़ी एवं बांस से सूप, टोकरी, पेन स्टैंड तथा हस्तशिल्पी अनुज पहारिया ने वच्चों को बताया कि हमारे घरों एवं मकानों के आसपास लोग तमाम तरह कि प्लास्टिक कि बोतल, गिलास, टूटी हुयी प्लास्टिक कि बाल्टी एवं डिब्बे आदि फेक देते है जिससे हमारा वातावरण भी खराब होता है, हम ऐसी चीजों को इकट्ठा कर उनसे तमाम तरह कि सजावट के सामान तैयार कर सकते है । उन्होंने खराब प्लास्टिक की बोतल से फ्लावर पॉट, पेन स्टेण्ड, घोंसला, सीकदान, गमला आदि बना कर बच्चों को दिखाया एवं साथ ही साथ कागज से फूल, पत्ति, तितली आदि बनाना वच्चो को सिखाया । उक्त कार्यक्रम में अरविंद कुमार स्वर्णकार सहायक अध्यापक, शिरोमणि सोनी,सहायक अध्यापिका एवं नुजहत परवीन, सहायक अध्यापिका आदि उपस्थित रहे। हस्त शिल्प कला सीखने में बच्चों ने खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया ।