उरई । राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक महत्वपूर्ण चिकित्सकीय उपलब्धि प्राप्त हुई है, जिसमें प्रधानाचार्य डा. अरविन्द त्रिवेदी के नेतृत्व में गले की बड़ी गांठ का सफल आपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन की सफलता ने चिकित्सकीय टीम के समर्पण और पेशेवर कौशल को उजागर किया है। 50 वर्षीय मरीज, जिसके गले में 10×12 सेंटीमीटर की गांठ थी, को सांस लेने और खाने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। मरीज ने दिनांक 9 सितंबर 2024 को नाक, कान और गला विभाग की ओपीडी में उपस्थित होकर अपने मर्ज की जानकारी दी । डा. एस.के. राठौर, विभागाध्यक्ष ने मरीज का गहन अवलोकन किया और आवश्यक परीक्षण किए। परीक्षणों के बाद, डा. राठौर ने ऑपरेशन के संभावित खतरों से अवगत कराते हुए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। मरीज की स्थिति को देखते हुए, ऑपरेशन की तैयारी की गई। 11 सितंबर 2024 को, ऑपरेशन के लिए एक पूरी टीम जुटाई गई। इस टीम में नाक, कान और गला विभाग के डा. एस.के. राठौर, डा. रतिभान सिंह (सहायक आचार्य) और डा. रविशंकर (जूनियर रेजीडेंट) शामिल थे। इसके अतिरिक्त, निश्चेतना विभाग के डा. सुनित सचान, डा. अरुण अहिरवार और डा. अनिल कुमार ने सरवाइकल ब्लॉक के माध्यम से मरीज को संज्ञा दी। ऑपरेशन के दौरान सिस्टर इंचार्ज शान्ति शर्मा, शोभा शुक्ला, नीतू सिंह परमार, और अंजली चतुर्वेदी ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संपूर्ण टीम ने समन्वय और पेशेवर दक्षता के साथ मरीज का ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया। ऑपरेशन के बाद मरीज को वार्ड नंबर-1 में भर्ती किया गया, जहां उनकी स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रशान्त निरंजन और वरिष्ठ चिकित्सकों ने इस सफल ऑपरेशन के लिए पूरी टीम को बधाई दी। इस ऑपरेशन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को और अधिक प्रमाणित किया है और यह दर्शाता है कि यहां के चिकित्सा कर्मियों की क्षमता और समर्पण उच्चतम स्तर पर है। इस उपलब्धि से न केवल मरीज को राहत मिली है, बल्कि यह पूरे मेडिकल कॉलेज और उसकी टीम के लिए गर्व का क्षण भी है।bsउरई । राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक महत्वपूर्ण चिकित्सकीय उपलब्धि प्राप्त हुई है, जिसमें प्रधानाचार्य डा. अरविन्द त्रिवेदी के नेतृत्व में गले की बड़ी गांठ का सफल आपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन की सफलता ने चिकित्सकीय टीम के समर्पण और पेशेवर कौशल को उजागर किया है। 50 वर्षीय मरीज, जिसके गले में 10×12 सेंटीमीटर की गांठ थी, को सांस लेने और खाने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। मरीज ने दिनांक 9 सितंबर 2024 को नाक, कान और गला विभाग की ओपीडी में उपस्थित होकर अपने मर्ज की जानकारी दी । डा. एस.के. राठौर, विभागाध्यक्ष ने मरीज का गहन अवलोकन किया और आवश्यक परीक्षण किए। परीक्षणों के बाद, डा. राठौर ने ऑपरेशन के संभावित खतरों से अवगत कराते हुए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। मरीज की स्थिति को देखते हुए, ऑपरेशन की तैयारी की गई। 11 सितंबर 2024 को, ऑपरेशन के लिए एक पूरी टीम जुटाई गई। इस टीम में नाक, कान और गला विभाग के डा. एस.के. राठौर, डा. रतिभान सिंह (सहायक आचार्य) और डा. रविशंकर (जूनियर रेजीडेंट) शामिल थे। इसके अतिरिक्त, निश्चेतना विभाग के डा. सुनित सचान, डा. अरुण अहिरवार और डा. अनिल कुमार ने सरवाइकल ब्लॉक के माध्यम से मरीज को संज्ञा दी। ऑपरेशन के दौरान सिस्टर इंचार्ज शान्ति शर्मा, शोभा शुक्ला, नीतू सिंह परमार, और अंजली चतुर्वेदी ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संपूर्ण टीम ने समन्वय और पेशेवर दक्षता के साथ मरीज का ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया। ऑपरेशन के बाद मरीज को वार्ड नंबर-1 में भर्ती किया गया, जहां उनकी स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रशान्त निरंजन और वरिष्ठ चिकित्सकों ने इस सफल ऑपरेशन के लिए पूरी टीम को बधाई दी। इस ऑपरेशन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को और अधिक प्रमाणित किया है और यह दर्शाता है कि यहां के चिकित्सा कर्मियों की क्षमता और समर्पण उच्चतम स्तर पर है। इस उपलब्धि से न केवल मरीज को राहत मिली है, बल्कि यह पूरे मेडिकल कॉलेज और उसकी टीम के लिए गर्व का क्षण भी है।p;