उरई | खटारा पार्टी के खटारा सांसद को इस बार बदलोगे या नहीं , सपा सुप्रीमो के इस सवाल पर खचाखच भरे मोदी ग्राउंड में जमा भीड़ से आखिरी सिरे तक जिस ढंग से हुंकारा भरा गया उससे साफ़ जाहिर था कि इस बार लोकसभा चुनाव का माहौल पलटा हुआ है |
हालांकि 2019 में सपा बसपा गठबंधन की इसी ग्राउंड पर हुई रैली में भी लोगों का जोश कुछ कम न था लेकिन फिर भी भानु वर्मा जीतने में कामयाब हो गए थे भले ही 2014 की तुलना में उनकी जीत का मार्जिन घट गया था | इसलिए प्रेक्षकों को यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है इस बार मतदाताओं का निर्णय क्या होने वाला है |
बहरहाल तब अखिलेश और मायावती दोनों स्टार प्रचारक मंच पर थे लेकिन इस बार इतनी भीषण गर्मी और शहर से इतनी दूर के वाबजूद तनहा अपने लिए इस विशाल मैदान में अपार उपस्थिति पा कर सपा सुप्रीमो गदगद थे जिसका प्रभाव उनके भाषण के साढ़े अंदाज में देखने को मिला | लोगों से अच्छी तरह कनेक्ट होने के लिए उन्होंने प्रश्नोत्तरी शैली में पूरा भाषण दिया | उन्होंने भाषण में राष्ट्रीय से ले कर स्थानीय तक किसी मुद्दे को अनछुआ नहीं छोड़ा | स्थानीउ मुद्दों में जहां उन्होंने याद दिलाया कि बुंदेलखंड की सभी सीटें जीतने के बाबजूद भाजपा की सरकार ने न तो इस अंचल के लिए और न ही जालौन जिले के लिए कुछ किया जबकि नेताजी ने इस जिले को बिना मांगे मेडिकल कालेज जैसी सौगात दी थी जिसे यह सरकार सहेज भी नहीं पा रही | उन्होंने संविधान और आरक्षण का जिक्र छेड़ा लेकिन इस ढंग से कि सवर्णों को कोई कचोट महसूस न हो | युवाओं को ध्यान में रख कर उन्होंने सरकारी नौकरियां आउटसोर्स किये जाने व अग्निवीर योजना का जिक्र छेड़ा और कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी को सत्ता फिर हाथ में लग गयी तो वह पुलिस में तो तीन वर्ष की भर्ती योजना लागू कर देगी | किसानों के भी जख्म को कुरेदा | कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने किसानों के साथ उनकी आय दुगनी करने के सब्ज दिखा कर धोखा किया | उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार आई तो किसानों के लिए सरकारी खरीद मूल्य की गारंटी करेगी | दवा कंपनी से चन्दा ले कर उसकी खतरनाक कोरोना वैक्सीन लगवा कर लोगों को मौत के मुंह में धकेल देने का आरोप लगाया | यह भी कहा कि इस सरकार ने लेटरल एंट्री के जरिये आई ए एस बनाने की जो मनमानी की उसका फायदा उठा कर लोग देश का धन लूट कर विदेश भाग गए |
उन्होंने दलित और पिछड़ों का स्वाभिमान जगाते हुए कन्नौज के मंदिर को उनके दर्शन के लिए जाने के कारण धोये जाने का भी जिक्र छेड़ा लेकिन इतनी शालीनता से कि सवर्ण अन्यथा न लें | राजनीतिक कुशलता के उनके इस आयाम की भी कम चर्चा नहीं है जो अस्मिता की राजनीति करने वाले अन्य नेताओं से जिनमें आजकल राहुल गांधी भी शामिल हैं , उन्हें बहुत आगे खडा कर देती है |
उन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करने वाले विधायक विनोद चतुर्वेदी पर बिना नाम लिए तंजा कसा कि वे उनकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ कर उन पर विश्वास कर बैठे थे जिससे उन्हें धोखे का शिकार होना पडा वरना श्रीराम पाल को मौक़ा दिया होता तो जीत तो वे भी जाते | इस तरह श्रीराम पाल से अफ़सोस मना लिया जो लोकसभा चुनाव के समीकरणों की दृष्टि से महत्वपूर्ण था | मंचासीन करने और संबोधन में भी सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा गया \ अखिलेश ने संबोधन में खासतौर से हरिओम उपाध्याय , शिवराम कुशवाहा , आर एस कुशवाहा और सुरेन्द्र सिंह सरसेला को नवाजा |
उधर बुधवार को भानु प्रताप वर्मा के समर्थन में राजकीय इंटर कालेज मैदान में सभा संबोधित करने पहुँच रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अखिलेश आज की सभा से एक लाइन खींच गए हैं | देखना होगा योगी की सभा की भीड़ अखिलेश द्वारा खींची गयी लाइन को छोटा कर पाती है या नहीं |