उरई। बुलेरो चालक ने खेत की रखवाली कर रहे किसान को अंधाधंुध ड्राइविंग में कुचल डाला। इसके बाद उसने करतूत छिपाने के लिए उसका शव नाले में फेंककर झाड़-झंखाड़ के नीचे दफन कर दिया। इसके बावजूद सुबह परिजन जब उसे तलाश रहे थे तो उनकी निगाह झाड़ियों के नीचे दबे मृतक के पैरों पर पड़ी जिससे उसका शव बरामद हो गया। बुलेरो भी घटना स्थल के पास ही पलटी हुई हालत में मिलने के बाद जब्त कर ली गई है।
थाना व ग्राम एट निवासी मुनेश (35वर्ष) पुत्र लल्लूराम कोरी अपने खेत पर अन्ना जानवरों से फसलों की रखवाली कर रहा था। इसी दौरान तेज गति से आ रही बुलेरो ने उसे धक्का मारकर कुचल दिया। हादसे मे मुनेश की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बुलेरो पलट कर वहीं जाम हो गई। घबराये बुलेरो चालक ने हड़बड़ाहट में हादसे पर पर्दा डालने के लिए मुनेश का शव उठाकर पास के नाले में डाल दिया और ऊपर से उस पर बेसरम की कई झाड़िया डाल दी तांकि वह किसी के नजर में न आये।
सुबह जब मुनेश घर नही लौटा तो उसके भाई कैलाश कोरी ने खेत के आसपास उसकी तलाश की। इस क्रम में नाले के आसपास से गुजरते समय उसकी निगाह बेसरम की झाड़ियों में दबे पैरों पर पड़ी जिस पर उसने झाड़िया हटाकर नीचे देखा तो वहां उसके भाई का शव पड़ा हुआ था। पास में ही हादसा करने वाली बुलेरो जीप भी उलटी पड़ी मिली। जीप का नं. यूपी 93 एम 9674 है जिसके ड्राइवर की अब तलाश की जा रही है।
गमगीन भाई से भी ऐंठ लिया सुविधा शुल्क
मृतक मुनेश के पास दो भाइयों के बीच मात्र छह बीघा जमीन थी। लेकिन न तो उसके गम पर तरस आया और न ही उसकी गरीबी पर। सरकारी एंबुलेंस के चालक ने एट से अस्पताल तक मुनेश का शव लाने के लिए चार सौ रुपये कैलाश से ऐंठ लिये। यहीं गनीमत नही हुई इसके बाद अस्पताल से पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने के लिए पुलिस ने भी उससे अपनी व्यवस्था करने को कहा। इसके कारण उसे रिक्शेवाले को चार सौ रुपये और देने पड़े।






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