उरई। वैश्य प्रगति मंच के तत्वावधान में गहोई समाज का सामूहिक विवाह महायज्ञ डीएवी इंटर काॅलेज परिसर में पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया गया। इसमें 17 युगलों ने अग्नि को साक्षी बनाकर वैवाहिक जीवन में प्रवेश पाया। पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित होकर आडंबर और फिजूल खर्ची रोकने की दिशा में सामूहिक विवाह के आयोजनों को क्रांतिकारी कार्रवाई के बतौर निरूपित किया। महामंडलेश्वर रामदास जी महाराज ददरउआ सरकार और ठड़ेश्वरी मंदिर के महंत सिद्धराम दास जी महाराज ने भी कार्यक्रम में पधारकर नवयुगलों को आशीर्वाद प्रदान किया।
इसके पहले डीएवी इंटर काॅलेज के मैदान से राठरोड, राजमार्ग, चंद्रनगर और तुलसी नगर में वर यात्रा का भ्रमण कराया गया। जिसमें घोड़ों पर सवार कतारबद्ध दूल्हे और बैंड बाजों की धुन पर थिरक रहे उनके सगे संबंधी व मित्रों की छटा देखते ही बन रही थी। इस वर यात्रा का अनेक स्थानों पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पूरे यात्रा मार्ग में वर यात्रा पर पुष्प वर्षा होती रही। आयोजन स्थल के प्रवेश द्वार पर वर यात्रा के पहुंचते ही गहोई वैश्य प्रगति मंच के पदाधिकारियों और कन्या पक्ष द्वारा परंपरागत वैदिक रीति से द्वारचार की रस्म पूरी कराई गई। सभी वरों को चांदी के सिक्के व सफारी सूट भेंट उनके टीका के साथ दी गई।
जयमाला कार्यक्रम के उपरांत पूर्ण वैदिक रीति से विवाह की सारी रस्में पूरी कराई गईं बाद में गौ-धूलि बेला में संस्था के लोगों एवं कन्या पक्षीय जनों ने अपनी लाड़ली के सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ रुंधे गले से उन्हें अश्रुपूरित विदाई दी।
इस अवसर पर अखिल भारतीय गहोई वैश्य प्रगति मंच के राष्ट्रीय महामंत्री जीवनराम सेठ ने पूरे आयोजन की विस्तृत जानकारी दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद नारायण रेजा ने सभी का आभार जताया। अतिथियों में गहोई वैश्य राष्ट्रीय महासभा के अध्यक्ष कैलाश नारायण सांवला, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश गुलहरे, राधेश्याम कुचया, केके कठिल टीकमगढ़, लोक संस्कृति विशेषज्ञ अयोध्या प्रसाद कुमुद, कृषि उत्पादन मंडी समिति के निदेशक संजय मोर, पूर्व जनपद शासकीय अधिवक्ता कुंज बिहारी गुप्ता की भी उल्लेखनीय उपस्थिति रही। आयोजन को सफल बनाने में कार्यक्रम संयोजक पुरुषोत्तम दास सोनी, कार्यक्रम अध्यक्ष पवन नाछौला, कमलेश कुमार इटोंदिया मानपुरा, प्रमोद नौगरइया, शिवकुमार कुरेले, कृष्णकुमार रेजा, विद्याधर निगोतिया, इं. अजय इटौरिया, बृजमोहन पिपरसेनिया, मयंक बिजपुरिया आदि का सराहनीय योगदान रहा।






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