0 एनएसएस शिविर में राष्ट्रीय मुददे पर निभाई अहम भूमिका
उरई। केशवदेव तिवारी महाविद्यालय गोहन के विद्यार्थियों की ओर से राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का सात दिवसीय विशेष शिविर में नोटबंदी के बारे में ग्रामीणों को कई हकीकतों से परिचित कराया गया। छात्राओं की टोलियों ने समस्याओं को सांझा कर इससे उबरने के रास्ते भी सुझाये। शिविरार्थियों ने शिक्षा, बीमारियों तथा कुपोषण पर भी बात कर अपनी रिपोर्ट तैयार की।
ग्राम पड़कुला में केशवदेव तिवारी महाविद्यालय की ओर से शिविर लगा। सात दिवसीय इस शिविर में खासतौर पर छात्राओं की ओर से कई मुददो पर कार्य किया गया। छात्रों की ओर से सफाई का अभियान चलाया गया तो छात्राओं ने नोटबंदी, शिक्षा के लाभ तथा कुपोषण और कारणों के संबंध में गांव के बुजुर्गों व महिलाओं से जानकारी सांझा की। ग्रामीणों को बताया कि भ्रष्टाचार, नकली करेंसी तथा कालेधन पर रोक लगाने के उददेश्य से प्रधानमंत्री की ओर से यह कदम उठाया गया है। देश को इसके दीर्घगामी फायदे होंगे। उन्हें नई सुविधाओं से जुड़कर कैशलेस का फायदा बताया गया। शिविर के समापन पर साहित्यकार एवं कवि डाॅ. महेश पांडेय ‘बजरंग’ ने शिविरार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी वर्ग को यह समझना चाहिए कि उसकी भूमिका क्या है। इसे निभाने को उसे हर पल तैयार रहना चाहिए। प्राचार्य डाॅ. राकेश द्विवेदी ने कहा कि जिम्मेदारियों से बचता भविष्य के लिए घातक है। बिना समर्पणा के कामयाबी नही मिल सकती। कार्यक्रम अधिकारी केएम शुक्ला ने कर्तव्य के मार्ग पर सदैव चलते रहने की सीख दी। इस दौरान एक प्रतियोगिता भी हुई। अच्छा प्रदर्शन करने पर शिवा तिवारी, ऋतु यादव, मोहिनी गुप्ता, सृष्टि तिवारी, अर्चना द्विवेदी, सिम्मी त्रिपाठी, आराधना त्रिपाठी, मोनिका सेंगर को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर रामकुमार परिहार, विजय कुमार त्रिपाठी, प्रधान भगवती प्रसाद, पूनम दीक्षित, प्रीति, नित्या, ऋतु, मोहिनी, खुशबू, नीलम, शिवा, आराधना, वैष्णा, शिखा, नेहा, साधना, मनिन्दर, सचिन, मंगलेश, राहुल, धर्मेंद्र के अलावा करुणा सागर त्रिपाठी, पृथ्वीराज, शैलेंद्र गुप्ता, दिलीप झा, शैलेंद्र तथा अशोक कुमार ने हिस्सेदारी की।
जब भोजन पकाने का मोर्चा छात्राओं ने संभाला
काॅलेज की छात्राओं ने जिम्मेदारी निभाने में एक कदम आगे बढ़ा दिया। शिविर में हिस्सा ले रहे छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त रोजाना आने वाले अतिथियों व स्टाॅफ के लिए चार छात्राओं ऋतु, नित्या, अर्चना तथा मोहिनी ने स्वयं भोजन पकाया। इस जिम्मेदारी को निभाने में सिम्मी और आराधना भी आगे बढ़ीं। यह दायित्व निभाने पर उन्हें प्रशंसा मिली।






Leave a comment