0 विभिन्न संस्थाओं ने आयोजित किये कार्यक्रम
कोंच-उरई। भारतीय संविधान के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर समाज के दबे कुचलों के हितों व अधिकारों को उसमें सुरक्षित करने के लिये याद किये जाने बाले बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को आज उनके 61वें महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके अनुयायियों ने याद करते हुये उन्हें भावपूरित श्रद्घासुमन समर्पित किये।
दुनिया के सबसे बड़े और बहुआयामी सामाजिक तानेबाने में दबे कुचलों को उनके अधिकारों और हितों से लैस करने का काम कर गये भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनके 61वें महापरिनिर्वाण दिवस पर यहां गांधीनगर इलाके में उनके अनुयायियों ने श्रद्धापूर्वक याद किया और उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुये उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। बसपा नेता जितेन्द्र राय अहिरवार की अगुवाई में आयोजित मार्च के ग्राम पडरी में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद वक्ताओं ने कहा कि उस समय जब भारतीय समाज में दलितों को हेय दृष्टि से देखकर उनके साथ दोयम दर्जे का वर्ताव किया जाता था, स्वयं डॉ. अंबेडकर को भी इन्हीं सामाजिक विद्रूपताओं की कष्टप्रद मनःस्थिति के दौर से गुजरना पड़ा था। इस दौरान मुन्नालाल भास्कर, ओमप्रकाश, रमाकांत आदि मौजूद रहे। अखिल भारतीय बाल्मीकि महासभा की स्थानीय इकाई के तत्वाधान में भी आयोजित संगोष्ठी के दौरान डॉ. अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धाप्रसून समर्पित किये गये। इस दौरान दीपू पेंटर, किशोरीलाल, भग्गूलाल, ब्रजेश, हरीसिंह, रामजीवन, नारायणसिंह, सुनील, मंगल, जीवनबाबू सहित सैकड़ा भर लोग मौजूद रहे। नया पटेलनगर स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर छात्रावास में भी परिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस दौरान सभासद बादामसिंह कुशवाहा, अनिल याज्ञिक, विनोदकुमार, दिनेशकुमार, ब्रजेन्द्र यादव, रामबाबू राठौर, हरीराम, गिरिजाशंकर, प्रतापभानु, छत्रसाल जाटव, ओमप्रकाश जाटव, ओमप्रकाश कुशवाहा आदि मौजूद रहे।






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