एसयूवी गाडिय़ां। ब्रांडेड कपड़े और चश्मे। विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्री। यूपी विधानसभा चुनाव में उतरने वाले कुछ युवा नेताओं की ऐसी है तस्वीर। इन्हें नेतागिरी विरासत में मिली है। कहीं बेटी पिता की वंशबेल को आगे बढ़ाने को आतुर है तो कहीं बेटा जड़ों को सींचने को तैयार है। इसे महज संयोग कहें या कुछ और। यूपी की राजनीति में इन दिनों सात अ नाम धारी युवाओं का जलवा है। इनके कार्यों की हर ओर चर्चा है। इनमें प्रमुख हैं- आराधना मिश्रा उर्फ मोना, अदिति सिंह, अपर्णा यादव, आदित्य यादव, अफजल सिद्दीकी, अब्दुल्ला खान और अजीत प्रसाद। सात अ नाम धारी ये नेता इस बार के विधानसभा चुनाव में धमाल मचाने को तैयार हैं। इनका दावा है ये उत्तर ्प्रदेश की राजनीति की दिशा और दशा बदल देंगे।

अपर्णा यादव,सपा
युवा नेताओं में सबसे चर्चित नाम है अपर्णा यादव का। लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार अपर्णा किसी परिचय की मोहताज नहीं। देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की छोटी बहू हैं अपर्णा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यूं तो सामाजिक कार्यकर्ता के बतौर पहचानी जाती हैं लेकिन इन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर डिग्री हासिल की है। इसी साल ये राजनीति में उतरी हैं और छा गई हैं। २६ वर्षीय अपर्णा के चुनावी पोस्टर छह माह पहले से ही लखनऊ कैंट विधानसभा की हर गलियों में लग गए थे। राजनीति में बदलाव और राजनीति के जरिए बदलाव इनका नारा है।

आदित्य यादव,सपा
अपर्णा यादव से दो साल छोटे हैं आदित्य यादव। लेकिन राजनीति में अपर्णा से सीनियर हैं। आदित्य भी समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के भतीजे हैं। शिवपाल यादव के बेटे आदित्य वर्तमान में प्रादेशिक कोआपरेटिव फेडरेशन यानी पीसीएफ के चेयरमेन हैं। लेकिन सक्रिय राजनीति में यह २०१० में ही आ गए थे जब इन्होंने जसवंतनगर ेिजला पंचायत का चुनाव लड़ा था। हालांकि, तब यह बसपा प्रत्याशी से हार गए थे। एबीए डिग्रीधारी आदित्य चुनाव प्रबंधन में माहिर हैं। यही वजह है कि ये तेजी से राजनीतिक सीढ़ी चढ़े। इस विधान सभा चुनाव से इन्हें इटावा जिले की किसी सीट से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी घोषित किए जाने की प्रबल संभावना है।

अब्दुल्ला खान, सपा
सपा के मुस्लिम चेहरे और फायर ब्रांड नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान यूं तो २०१४ से राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन इस चुनाव में वह खुद स्वारटांडा विधानसभा से समाजवादी पाटी से चुनाव लड़ रहे हैं। राजनीति इन्हें विरासत में मिली है। इसके पहले ये अपने पिता के चुनाव प्रबंधन का काम देखते रहे हैं। २६ वर्षीय अब्दुल्ला सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एमटेक हैं। महंगी गाडिय़ों और ब्रांडेड चश्मों की शौकीन अब्दुल्ला अच्छे फंड मैनेजर भी माने जाते हैं। रामपुर रियासत के मुकाबले खुद को बेहतर राजनेता साबित करना अब्दुला अपनी चुनौती मानते हैं।

अफजल सिद्दीकी,बसपा
बहुजन समाज पार्टी में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले और पार्टी सुप्रीमो मायावती के विश्वासपात्र नसीमुद्दीन सिद्दीकी के २८ वर्षीय बेटे अफजल सिद्दीकी २०१७ के विधानसभा चुनाव में बसपा से उम्मीदवार हैं। २०१२ से ही सक्रिय राजनीति कर रहे अफजल एक सफल कारोबारी भी हैं। एलएलबी आनर्स की डिग्री हासिल कर चुके अफजल को मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छह जोन की जिम्मेदारी भी सौंपी हैं। २०१४ में फतेहपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं अफजल। खुद को मायावती का सिपाही बताने वाले अफजल कहते हैं उन्हें सिर्फ और सिर्फ मायावती के निर्देशों की पालना करना आता है। अपनी कोई महत्वाकांक्षा नहीं हैं।

अदिति सिंह,कांग्रेस
रायबरेली में इन दिनों सबसे चर्चित नाम है अदिति सिंह का। रायबरेली सदर विधानसभा का इलाका अदिति के आकर्षक पोस्टरों और बैनरों से अटा पड़ा है। अदिति अपनी एसयूवी गाड़ी से जिस किसी भी चौराहे पर उतरती हैं भीड़ उन्हें घेर लेती है। अदिति रायबरेली से कई बार विधायक रह चुके अखिलेश सिंह की बेटी हैं। इनके पिता निर्दलीय चुनाव जीतते रहे हैं लेकिन अदिति कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार हैं। २८ वर्षीय अदिति विदेश से एमबीए की डिग्री लेकर लौटी हैं। २०१५ में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अदिति अपने विधानसभा क्षेत्र का कायाकल्प करने का इरादा रखती हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को अपना आर्दश मानने वाली अदिति राजनीति में सुचिता और ईमानदारी की बात करती हैं।

ये भी हैं अ नामधारी
इन नेता पुत्रों और पुत्रियों और बहू के अलावा कुछ अन्य नेताओं के बेटे बेटियां भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें समाजवादी पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद सुलतानपुर से सपा उम्मीदवार हैं। जबकि कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद प्रमोद तिवारी की ४२ वर्षीय बेटी आराधना मिश्र उर्फ मोना वर्तमान में रामपुर खास से विधायक हैं। आगामी चुनाव में भी ये यहीं से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। एमबीए डिग्री धारी आराधना अंबालिका इंस्टीट्यूट की निदेशक हैं।






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