21orai01 21orai02उरई। कश्मीर से कन्या कुमारी तक समाजसेवा और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित करने की मूक साधना में लगे हुए लोगों को सम्मानित करने के लिए तीन दशकों से प्रतिभा रक्षा सम्मान समिति एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के द्वारा गौरवशाली आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित करने की परंपरा में इस वर्ष देश की जिन 120 महान हस्तियों को 18 दिसंबर को करनाल हरियाणा में विभूषित किया गया उनमें जालौन जिले के जानेमाने समाजसेवी युवा हरीशंकर विद्यार्थी का नाम भी शामिल रहा। समस्त जनपदवासियों के लिए यह सूचना गर्व का विषय बन गई है।
अंग्रेजी भाषा में परास्नातक हरीशंकर विद्यार्थी वैसे तो जिले में किसी परिचय के लिए मोहताज नही है लेकिन उन्होंने युवावस्था में ही कई ऐसे विशिष्ट कार्य सम्पादित कर डाले हैं जिन्हें मील का पत्थर माना जा सकता है। इसी कड़ी में महर्षि अरविंदो के जीवन और कृतित्व पर उनके द्वारा किया जा रहा शोध कार्य भी उल्लेखनीय है जिससे महर्षि अरविंदो के बारे में उनके द्वारा कई अछूती जानकारियां सामने लाई जाने की संभावना है।
हरीशंकर विद्यार्थी पिछले 8 वर्षों से लोगों में राष्ट्र पे्रम और राष्ट्रीय गौरव जागृत करने के लिए अपना घर परिवार छोड़कर अहर्निश जुटे रहे हैं। इस दौरान वे योग गुरू बाबा रामदेव के भी संपर्क में रहे और उन्होंने समाजसेवा और राष्ट्रीय विचारों के प्रसार के साथ-साथ योग के बारे में जागृति लाने के लिए दक्षिण भारत तक में लंबा प्रवास किया। वे जनपद के अलग-थलग बीहड़ी क्षेत्र में शैक्षणिक क्रांति के जरिये गुदड़ी के नौनिहालों को लाइम लाइट में लाने के एक प्रोजेक्ट में आजकल व्यस्त हैं।
कैरियरवादी इस युग में कोई युवक ऐसा भी हो सकता है जो परोपकार और परमार्थ के मिशन में अपनी जिंदगी खपा देने को उतावला हो। हरीशंकर विद्यार्थी के जीवन के इस पहलू ने प्रतिभा रक्षा सम्मान समिति के कर्ताधर्ताओं को बहुत अभिभूत किया। इसी कारण उन्होंने सम्मानित होने वालों की सूची में उनका नाम भी इस बार प्रमुखता से शामिल किया। 18 दिसंबर को प्रतिभा रक्षा सम्मान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र अरोड़ा के नेतृत्व में जब हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने उन्हें ग्लोबल डायमंड अवार्ड से विभूषित किया तो हरीशंकर की आंखें छलक उठी।
हरीशंकर विद्यार्थी को पहले यह सम्मान स्वीकारने में संकोच हो रहा था लेकिन आयोजकों ने उन पर दबाव डाला कि वे सम्मान ग्रहण करें क्योंकि इससे दूसरे युवको को भी उनकी तरह समाजसेवा के लिए आगे आने की प्रेरणा मिलेगी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रुद्रसेन बाजपेयी ने कहा कि वास्तव में हरीशंकर ने अपने को एक प्रतिमान के रूप में तराशा है इसलिए उन्हें मिला राष्ट्रीय सम्मान उनके योगदान के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि जनपद में भी वे उनका सम्मान समारोह शीघ्र आयोजित करायेंगे तांकि स्थानीय युवक उनसे प्रेरित होकर उन्हीं की तरह काम करते हुए जिले का नाम रोशन कर सकें।

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