उरई। जिला प्रशासन अब पूरी तरह इलेक्शन मोड पर आ गया है। गुरुवार को जिलाधिकारी संदीप कौर ने मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अभी से शुरू की गई निरोधात्मक कार्रवाइयों को लेकर उन्हें एहतियाती टिप्स दिये।
जिलाधिकारी ने कहा कि चुनाव के दौरान पाबंद कराने और गुंडा एक्ट व अन्य जो कार्रवाइयां अवांछनीय तत्वों के खिलाफ की जाती हैं उनमें अतीत में ऐसी चूकें की गई जिससे शासन प्रशासन की नाक कटने की नौबत आ गई। उन्होंने कहा कि आज तो मीडिया पहले से कई गुना ज्यादा एक्टिव है और अब मीडिया के रडार पर वे मामले सबसे ऊपर रहेंगे जिनमें पुलिस द्वारा नाबालिक बच्चे या 80 साल के वृद्ध को शांति के लिए खतरा बताते हुए 107/16 का नोटिस जारी करा दिया गया हो या उन लोगों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई करा दी गई हो जो पहले से ही जेल में बंद हैं। उन्होेंने कहा कि ऐसी गलतियां लापरवाही की वजह से होती हैं। पुलिस के लोग मौके पर नही जाते उनका काॅकस जो नाम बता देता है आंख मूंद कर थानों से उन पर कार्रवाई कर दी जाती है। जिससे मीडिया को पुलिस और प्रशासन के खिलाफ सुर्खियां बनाने का अवसर मिल जाता है। इस बार सारी कार्रवाइयां फुल प्रूफ हों। उनकी निगाह सभी थानों पर निजी तौर पर रहेगी। बिना मौके पर जाये और जानकारी किये न तो किसी को नोटिस दिया जाये और न ही अन्य कोई कार्रवाई की जाये। फिर भी जो पुलिस अफसर आंखों में धूल झोकने की कोशिश करेंगे उन्हें कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने मजिस्ट्रेटों से कहा कि वे भी पुलिस की संस्तुतियों की दिमाग खोलकर पड़ताल करने के बाद ही कोई आर्डर पास करें जिससे बेकसूर और निरीह लोगों का उत्पीड़न न हो सके।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्र चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करने का काम अतिशीघ्र पूरा करने के लिए कहा। अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे स्मार्ट फोन यूज करें तांकि ग्रुप बनाकर आपस में सूचनाओं के आदान-प्रदान का क्रम बनाने में उन्हें सहूलियत मिल सके। उन्होंने पुलिस अफसरों को चेतावनी दी कि दलाल और अपराधी किस्म के लोग थानों में बैठक न कर पायें। बैठक में पुलिस अधीक्षक डाॅ. राकेश कुमार सिंह भी मौजूद रहे।






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