उरई। लेखपालों की मनमानी के आगे शासन प्रशासन का इकबाल पानी मांगता नजर आ रहा है। सोमवार को दिन भर कलेक्ट्रेट में लेखपालों का रोना रोते किसानों का तांता लगा रहा।
तहसील जालौन के बस्तेपुर गांव के किसानों को लेखपाल की करतूत की वजह से सूखा राहत और ओलावृष्टि के मुआवजे की रकम नही मिल पा रही। लेखपाल खुलेआम पैसा मांगता है। गांव के निवासीगण रणविजय सिंह, प्रहलाद सिंह, सूरज पाल सिंह, कुसमा देवी, अरुण कुमार सिंह, गुलाब कुंवर, अशोक सिंह, वीरपाल बीडीसी, दीपक सिंह, अश्वनी कुमार आदि ने जिला मुख्यालय पर आकर जिलाधिकारी को दिये एक ज्ञापन में बताया कि लेखपाल की हठधर्मिता की जानकारी वे लोग एसडीएम जालौन को भी दे चुके है लेकिन फिर भी वह न तो डर रहा है और न पसीज रहा है। लेखपाल कहता है कि जो जितना देगा उसी अनुपात में मुआवजा पायेगा। यही नही लेखपाल अपनी इस कही को चरितार्थ भी दिखा चुका है। डीएम ने ग्रामीणों के ज्ञापन पर जांच के आदेश कर दिये हैं।
उधर ब्लाॅक डकोर के कुठौंदा गांव से आये ओमप्रकाश, अशोक रानी, बृगभान, जमुना दास, रविंद्र, बलराम सिंह आदि ने बताया है कि लेखपाल ने कुछ रसूखदार लोगों को तो सूखा राहत की राशि लेन-देन करके पहुंचा दी है लेकिन आम ग्रामीण उसके चक्कर काट रहे हैं और वह उनकी सुनने को तैयार नही हो रहा। डीएम ने एसडीएम को जांच के लिए कहा है।






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