उरई। फैक्ट्री एरिया में बड़े पैमाने पर बन रहे थे असलहे और पुलिस को नही मिल पाई थी खबर। चुनाव आचार संहिता को लागू कराने के लिए निर्वाचन आयोग का डंडा पड़ने पर जब पुलिस खबरदार हुई तो कोतवाली पुलिस की नाक के नीचे चल रही इस असलहा फैक्ट्री का आनन-फानन में भंडाफोड़ हो गया। मौके पर मिले असलहों के जखीरे को देखकर खुद पुलिस के लोग हतप्रभ हुए बिना नही रहे। तीन लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया है। एसपी ने बताया कि इस फैक्ट्री के संचालन के पीछे कोई बिग बाॅस तो नही है और यह असलहे कहां-कहां खपाये जाने थे इसकी मालूमात के लिए गिरफ्तार लोगों से गहन पूंछतांछ की जा रही है।
अगर चुनाव न हो तो पुलिस में बेखबरी के आलम के चलते कितने खतरनाक काम पनपते रह सकते हैं इसकी झलक चुनाव आयोग के निर्देश पर काम करने की बाध्यता के बाद पुलिस की कार्रवाई से देखने को मिल रही है। चुनाव आयोग के निर्देश है कि चुनाव में शातिर प्रत्याशी अवैध हथियारों और शराब का इस्तेमाल कर कोई अनहोनी कारामात को अंजाम दे सकते हैं। इसलिए पुलिस इन बिंदुओं पर रोज सक्रिय रहे और इसके परिणामों के सबूत पेश करे।
चुनाव आयोग की इस कसावट का नतीजा तत्काल ही देखने को मिलने लगा है। गुरुवार को फैक्ट्री एरिया में शताब्दी स्टील्स के सामने संचालित अवैध असलहा फैक्ट्री पर पुलिस को दबिश के दौरान एक रायफल, 12 तमंचे, 1 अद्धी, 4 खाली नालें और असलहे बनाने के तमाम उपकरण बरामद हुए। यह बताने की जरूरत नही है कि इतने असलहे एक जगह एक दिन या एक आध हफ्ते में नही बन सकते। यह महीनों की कारीगरी अथवा कारगुजारी होगी। लेकिन तब चुनाव आयोग की निगरानी नही थी। जिसकी वजह से पुलिस अफीम खाकर सोती रहती थी। अब पुलिस दड़बे से बाहर निकली तो इन फैक्ट्रियों का खुलासा तड़ातड़ होने लगा। एसपी डाॅ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उक्त फैक्ट्री चलाने में तीन लोग मौके से गिरफ्तार किये गये हैं। जिनमें ज्ञानेंद्र सिंह उर्फ लल्लन निवासी रूरा थाना, मनीष राजावत निवासी कमसेरा और महावीर सिंह निवासी मोहल्ला राजेंद्र नगर उरई शामिल हैं। तीनों को शस्त्र अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत जेल भिजवा दिया गया है।






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