उरई। लोकसभा चुनाव की तरह यूपी के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने बांछों की बौछार कर दी है। छात्रों के लिए लैपटाप और फ्री डाटा से लेकर किसानों के कर्जमाफी और बिना ब्याज कर्ज देने समेत कई लोक लुभावन वादे किए गए हैं। यह वादे जनता को रास तो आ रहे हैं पर इन पर भरोसा जताने में मतदाता डगमगाते हुए नजर आ रहे हैं। कारण यह है कि इसी तरह के कुछ वादे लोकसभा चुनाव में भी किए गए थे जिन्हें अभी तक भी पूरा नहीं किया जा सका है। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा जारी किए गए पार्टी के घोषणा पत्र के बाद जब शहर के बुद्धजीवियों से बात की गई तो उन्होंने अपनी मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर गुलाबी गिरोह की कमांडर अंजू शर्मा ने कहा कि सपा और भाजपा दोनों ने ही अपने-अपने घोषणा पत्रों में महिलाओं को वरीयता दी है। इससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि चुनाव में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। सपा ने महिलाओं को रोडवेज बसों में आधा किराया तो भाजपा ने छात्राओं को स्नातक तक मुफ्त पढ़ाई का वादा किया गया है। अब जरूरत यह है कि सत्ता में आने के बाद यह दल अपना वादा पूरा करें। व्यापारी सुनील शिवहरे ने कहा कि भाजपा ने घोषणा पत्र से किसानों, छात्रों और युवाओं पर दांव खेल दिया है। लघु और सीमांत किसानों के कर्ज माफ करने से लेकर छात्रों को लैपटाप के साथ फ्री डाटा भी देने का वादा किया है पर इस बार किसान व युवा भाजपा पर भरोसा नहीं जता पा रहे हैं। कारण यह है कि लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों में एक चौथाई वादे भी अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं इसलिए भाजपा का यह घोषणा पत्र महज वादों का पुलिंदा ही है। सर्राफा व्यवसायी श्याम किशोर गुप्ता ने कहा कि राजनीतिक दलों को व्यापारी वर्ग का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि बिना किसी व्यवधान के व्यापार चलता रहे और व्यापारी का बेवजह शोषण न किया जाए। समाजसेवी नरसिंह दास गुप्ता ने कहा कि इस वक्त प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने वाली सरकार की जरूरत है। भाजपा द्वारा जो वायदे किए गए हैं वह जन कल्याणकारी हैं पर सरकार बनने के बाद इन वायदों को जमीन पर जरूर उतरना चाहिए।






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