उरई। नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद अब रिटायर्ड कर्मचारी पेंशन शुरू कराने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारी का आरोप है कि उससे पेंशन शुरू कराने के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है। पीड़ित ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
बाल विकास परियोजना माधौगढ़ में कनिष्ठ सहायक पद से सेवानिवृत्त हुआ एक कर्मचारी अब अपने परिवार के पेट का भरण-पोषण करने के लिए पेंशन शुरू कराने को दर-दर भटक रहा है। पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारी ने जिलाधिकारी संदीप कौर को शिकायती पत्र देकर बताया कि वह 31 अक्टूबर 2016 को रिटायर्ड हुआ था लेकिन अभी तक पेंशन प्रकरण अपर निदेशक कोषागार झांसी मंडल को नहीं भेजा गया है व नगदीकरण एवं जीपीएफ का भुगतान नहीं किया गया है। पीड़ित का आरोप है कि उसने विभाग के कनिष्ठ सहायक से पेंशन तैयार करने व नकदीकरण जीपीएफ भुगतान के लिए कहा तो उससे 25 हजार रुपए सुविधा शुल्क की मांग की गई। सुविधा शुल्क न देने पर अभी तक उसकी पेंशन शुरू करने की कार्रवाई पूरी नहीं की गई है। पीड़ित ने बताया कि इस संबंध में जब उसने जिला कार्यक्रम अधिकारी से शिकायत की तो उन्होंने भी चार महीने के बाद प्रकरण की सुनवाई करने की बात कही। पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारी का कहना है कि इतने समय तक बिना पेंशन के परिवार का पेट भरना संभव नहीं है इसलिए उसकी जल्द से जल्द पेंशन शुरू कराई जाए।






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