उरई : कोटरा में वर्ष 2005 में पुलिस ने दस लोगों को जुआं खेलते हुए गिरफ्तार किया था। पेशेवर अंदाज में जुएं का अड्डा संचालित करने को लेकर पुलिस ने बाद में आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल पूरा होने के बाद मंगलवार को गैंगेस्टर कोर्ट के न्यायाधीश ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष के कैद की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

2005 में कोटरा में जुएं का अड्डा संचालित होने की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी। जिसमें दिनेश शांडिल्य, सुरेंद्र सिंह, कल्लन त्रिपाठी, चंद्रशेखर, लालमन, प्रभाकर, मातादीन, ऊधम ¨सिंह, ज्ञान ¨सिंह व उमाकांत व्यास को पुलिस टीम ने मौके से गिरफ्तार कर लिया था। इनके खिलाफ तत्कालीन एसओ वीके यादव ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। करीब 12 साल गैंगेस्टर कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चला। मंगलवार को गैंगेस्टर कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार शुक्ला ने सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुना दिया। साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों को उन्होंने दोषी करार दिया। इसके साथ ही सात-सात वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता भगवती प्रसाद तिवारी ने की।

 

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