जालौन-उरई। ग्राम अतरछला के ग्रामीणो ने भी 23 फरवरी को मतदान न करने का फैसला किया। गांव की आने जाने वाली सडक न होने से ग्रामीणो ने यह फैसला लिया। इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी गयी।
जहां एक ओर प्रशासन मतदान प्रतिशत बढाने के लिये हजारो रूपये पानी की तरह बहा रहा है। निजी संस्थानो से ले कर सरकारी गैर सरकारी रैली निकाल कर नुक्कड सभा कर मतदान के लिये लोगो को प्रेरित कर रहे है। तो वही गांव मे विकास कोसो दूर होने से ग्रामीण न सिर्फ नेताओ से नाराज बल्कि प्रशासन को भी इसका जिम्मेदार मानते है।इसलिये उन्होने इस बार बिधान सभा मे चुनाव का बहिष्कार करना प्रारम्भ कर दिया। ऐसा ही एक मामला ग्राम अतरछला का प्रकाश मे आया है। यहां के एक सैकडा से अधिक ग्रामीणों ने जिलाधिकारी सदींप कौर तथा उपजिलाधिकारी शीतला प्रसाद को ज्ञापन देते हुए बताया कि गांव के लिए वर्षो से सडक नही बनी है अतरक्षला मार्ग हदरूख से जुडा है इस रास्ते मे इतने गहरे गडढे है कि रास्ते मे पैदल चलना की दूभर है इसकी सूचना कई बार प्रशासन को दी नेताओं को दी लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नही उठाया गया हालिक यह लोकतंत्र का महा पर्व है इसमे सहभागिता करना हम लोग का धर्म है लेकिन गांव के विकास की अनदेखी है इसलिए यह कदम उठाया गया इस मौके पर ग्रामीण दर्शनसिह उमेशकुमार लक्ष्मण सेंगर महेश सिंह, वीरेन्द्र सिंह, हाकिम सिह, रघुराज, दयाराम समेत तमाम ग्रामीण उपस्थित थे।






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