
उरई । जनता दल (यू) के प्रदेशाध्यक्ष पद से बर्खास्त किए गए सुरेश निरंजन भइयाजी ने नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ बगावत का ऐलान कर डाला है । उन्होने कहा कि कोई कारवाई करने के पहले उन्हे नोटिस दिया जाना चाहिये था। उन्हें असंवैधानिक ढंग से हटाया गया है जिसको वे चुनौती देंगे ।
सुरेश भैयाजी अपने ख़िलाफ़ कार्रवाई के कारण बेहद गुस्से में हैं । उन्होने कहा कि नीतीश कुमार ने चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में आधा दर्जन रैलियां करायीं जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया गया । वे लोग 6 महीने से चुनाव के लिए दौड़ रहे थे और खर्च कर रहे थे । जब गठबंधन नहीं हुआ तो हमने नीतीश से पूंछा कि क्या करें , वे बोले हम उम्मीदवार खड़े नहीं करेंगे । अगर जदयू ने उम्मीदवार खड़े किए तो धर्म निरपेक्ष वोटों के बटवारे से भाजपा को फायदा हो सकता है । हमने बात मान ली लेकिन अपने कार्यकर्ताओं की गतिशीलता बनाये रखने के लिए चुनाव में किसी न किसी के साथ खड़ा होना जरूरी था । नीतीश बताते कि धर्म निरपेक्षता के लिए कौन बेहतर है । हम उनकी बात मानते । लेकिन वे गोलमाल जवाब देते रहे ।
भइयाजी का कहना है कि वे पार्टी को केवल बिहार तक सीमित रखना चाहते हें । उन्होने 5 राज्यों मे कहीं भी उम्मीदवार खड़े नहीं किए । कार्यकर्ता मायूस हो गए थे । पार्टी को बचाने के लिए हमने सपा के समर्थन का फ़ैसला घोषित किया । कोई कार्यकर्ता नहीं मान रहा है कि उन्होने गलत काम किया है। इसलिये उनके ख़िलाफ़ एक्शन से कार्यकर्ता भड़क गए हैं । उत्तर प्रदेश भर में पार्टी छोड़ने का तांता लगा हुआ है । सबसे विचार विमर्श करके वे 3 – 4 दिन नए कदम का ऐलान कर देंगे । उनके सामने कई विकल्प खुले हें ।






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