कोंच-उरई। विधानसभा चुनाव के लिये चैथे चरण का मतदान निपट जाने के बाद चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी फुर्सत के क्षण अपने वोटरों के बीच गुजार रहे हैं। इसके पीछे मंशा यह भी है कि वे गैर नहीं बल्कि उन्हीं के बीच के आदमी हैं और उनके अच्छे बुरे में उनकी खैरख्वाह भी करेंगे। इसके अलावा प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं के प्रति आभार जताने का भी यह एक तरीका हो सकता है।
गुजरी 23 फरवरी को माधौगढ समेत जिले की तीनों विधानसभाओं में वोट डाले गये थे। मतदान के बाद ईवीएम फिलहाल 11 मार्च तक के लिये कड़ी सुरक्षा में रखीं गईं हैं और प्रत्याशी बिल्कुल खाली हैं। उन्हें 11 मार्च का भी बड़ी बेसब्री से इंतजार है कि कब मतगणना हो और वे जश्न मनायें। इस खाली समय का सदुपयोग कैसे हो, इसका भी तरीका प्रत्याशियों ने निकाल लिया है। कोई प्रत्याशी धर्मस्थलों पर जाकर मत्था टेक कर अपनी जीत की दुआ कर रहा है तो कोई अपने समर्थकों और मतदाताओं के बीच जाकर सहयोग करने के लिये धन्यवाद ज्ञापित करने की कोशिश में लगा है। कहते हैं कि इंतजार बहुत ही ऊबाऊ होता है लेकिन इन प्रत्याशियों के सामने इंतजार करने के अलावा और विकल्प ही नहीं बचता है। सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी विनोद चतुर्वेदी का अधिकांश समय कोंच और माधौगढ इलाकों में गुजर रहा है। चूंकि वे उरई विधानसभा क्षेत्र के बाशिंदे हैं और माधौगढ विधानसभा से वह अनारक्षित सीट होने के नाते चुनाव लड़ते हैं और लोग उनके ऊपर बाहरी का ठप्पा न लगा सकें इसके लिये वह निरंतर अपने मतदाताओं के बीच ही रहने की कोशिश में लगे हैं। भाजपा प्रत्याशी मूलचंद्र निरंजन तो इसी विधानसभा क्षेत्र से आते हैं सो उनके साथ बाहरी होने की समस्या तो बिल्कुल ही नहीं है लेकिन वे भी अपने वोटरों और मंदिरों की चैखटों पर अपना समय गुजार रहे हैं। बसपा प्रत्याशी गिरीश अवस्थी के सामने भी बाहरी होने की समस्या है सो वह भी फुर्सत के क्षणों में यहां अपने समर्थकों के बीच कुशलक्षेम पूछने में लगे हैं।






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