उरई। कदौरा थाना क्षेत्र में बुधवार को लुटेरों द्वारा युवा सर्राफ को गोली मारी जाने के विरोध में गुरुवार को कदौरा का मार्केट पूरी तरह बंद रखा गया। अपर पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र शाक्य व्यापारी नेताओं से बात करने कदौरा पहुंचे थे लेकिन वारदात करने वाले बदमाशों की गिरफ्तारी न होने तक व्यापारियों ने उनसे कोई बात करने से मना कर दिया है।
कदौरा में सर्राफ की अपनी दुकान बंद करके बाइक से पिता और चाचा के साथ बबीना जा रहे 20 वर्षीय निक्की सोनी को तीन बदमाशों ने नहर के पास अंधेरे में सामने अपनी बाइक अड़ाकर रोक लिया और उसके सीने में तमंचा लगाकर जेवरों से भरा उसका झोला छीनने की कोशिश की। इस पर निक्की उनसे गुत्थम-गुत्था हो गया। इसी बीच तैश में एक बदमाश ने तमंचे से उसे गोली मार दी। जो उसके सीने को चीरती हुई निकल गई।
इस घटना को लेकर पूरे जिले में व्यापारियों में असुरक्षा की भावना गहराई हुई है। इसके पहले चुनाव के दौरान रामपुरा थाने के टीहर में घर में पड़ी डकैती का पर्दाफाश पुलिस अभी तक नही कर पाई है। चार दिन पहले कुठौंद थाने के दौन में भी डकैती की वारदात हो चुकी है। नोट बंदी के कारण काम खो चुके हताश लोगों द्वारा अपराध शुरू कर देने की अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही थी। फिर भी पुलिस मुस्तैद नही रह सकी। ताबड़तोड़ वारदातें हो रही हैं। जिससे हक्का-बक्का पुलिस की लगता है कि मति मारी गई है। इसलिए वह किसी भी वारदात में कोई ठोस कार्रवाई नही कर पा रही है। लोगों का गुस्सा इससे चरम सीमा पर है।
कदौरा में इतनी बड़ी वारदात के बावजूद विरोध प्रदर्शन का मोर्चा आज व्यापारियों को अकेले संभालना पड़ा। जनता की सुरक्षा और सेवा के नाम पर 23 फरवरी के पहले वोट मांगने के लिए रात-दिन एक किये सारे उम्मीदवारों की लगता है कि थकान के कारण नानी मर चुकी है। इसलिए अपने को क्षेत्र की जनता का सच्चा नुमाइंदा कहलाने की होड़ में जुटे किसी उम्मीदवार ने व्यापारियों की बात कहने के लिए कदौरा आने की जहमत नही उठाई। यह इस बात का नमूना है कि चुने जाने के बाद आगे भी जन प्रतिनिधियों का लोगों के दुख-दर्द से बेपरवाह अपने में मस्त रहने का सिलसिला जारी रहेगा। जनता को तो हर पांच साल बाद होने वाले चुनाव में झकमार कर किसी न किसी को वोट देना ही है।






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