जालौन-उरई। सूखा राहत मे शासन द्वारा प्राप्त धनराशि को स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते पूरी वितरित नही हो सकी किसान दर दर ठोकरे खाने को मजबूर है शेष बची धनराशि को शासन को वापस लौटायी जा रही है ।
सूखा राहत के चलते तहसील क्षेत्र के 42 गांव को चिंंिहत कर उन गांव के किसानो को शासन द्वारा 9 करोड 9 लाख स्वीकृत कियेगये जिसमे सथानीय प्रशासन द्वारा सर्वे कराकर किसानो को चिंिहत किया गया और उनके बैंक खातोे मे धनराशि पहुचाने के लिए लेखपालों को निर्देश दिये गये लेखपालो की लापरवाही के चलते किसानो को उनकी राहत धनराशि समय से नही मिल सकी 42 गांव मे 6 गैेर आबाद होने से 36 गांव मे किसानो को धनराशि वितरित की जानी थी जिसमे किसानो द्वारा लेखपालो पर आरोप भी लगाया गये धरना पर्द्रशन भी किये गये लेकिन स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बना तमासा देखता रहा शासन द्वारा एक हेक्टेयर पर 18 हजार राहत राशि दिये जाने के निर्देश दिये गये कुछ किसानो कोधनराशि मिली लेकिन कुछ ही दिनो बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा धनराशि 2200 रूपये में तब्दील कर दी गयी शासन द्वारा 9 करोड 9 लाखरूपय दिये गये जिसके सापेक्ष मे प्रशासन ने 6 करोड 45 लाख रूपय वितरित कर पाये इसमे 7 हजार 887 किसान ही लाभ ले सके जब इस सदंर्भ मे तहसीलदार सतीश वर्मा से बात की गयी तो उनका कहना है कि शासन के निर्देश पर किसानो को राहत राशि पहुचायी गयी है जो किसान रहे गये है उनको भी 20 मार्च तक धनराशि पहुंचा दी जायेगी इसके लिए लेखपालों को निर्देश दे दियेगये कि किसानो के बैंक खातों को ले।






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