कोंच-उरई। बाकई यूपी पुलिस शायद ही कभी सुधरे, जिसकी दाढ़ में भ्रष्टाचार का खून लग जाये वह कभी अपनी आदतों से बाज नहीं आ सकता है। ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कोबरा सिपाहियों ने पांच से सात साल उम्र वय के स्कूली बच्चों को चोरी करने का आरोपी बता कर उनके अभिभावकों से रकम ऐंठ कर बाकई बहुत ही बहादुरी का काम किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक रोडवेज बस स्टैंड के समीप कन्फैक्शनरी की दुकान चलाने बाले एक दुकानदार का गोदाम सामने बाली गली में है। दुकानदार के गोदाम से कुछ चोरी हो गई जिसकी शिकायत उसने पुलिस में करते हुये कुछ स्कूली बच्चों पर शक जाहिर किया था। कोबरा के सिपाहियों ने उन चार स्कूली बच्चों जिनकी उम्र पांच से सात साल के बीच है और वे प्राइमरी कक्षाओं के छात्र हैं, को स्कूलों से उठवा लिया और उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर उनके अभिभावकों को डराया। मरता क्या न करता की स्थिति में अभिभावकों ने कोबरा द्वारा मांगी गई रकम उन्हें देकर किसी तरह पीछा छुड़ाया। उन बच्चों के बाबत जब संवाददाता ने जानकारी की तो ये हैरान करने वाली बात सामने आई कि बड़े चोरो पर हाथ डालने के बजाये बच्चों के अभिभावकों को मोटी मुर्गी बनाया गया। इन बच्चों के परिवार बहुत गरीब हैं और पुलिस के इस रवैये ने कानून पर से उनका भरोसा ही उठा दिया है।






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