
0 पहली बार हाइवे के बेताज बादशाहों पर किसी ने डाली नकेल
उरई। परिवहन विभाग का स्वतंत्र प्रभार मिलने के बाद स्वतंत्रदेव सिंह ने पहले दिन ही कुछ कर गुजरने का जज्बा दिखाया था जब परिवहन आयुक्त और निगम के मुख्यालय में आकस्मिक निरीक्षण के लिए पहुंचकर उन्होंने यह एहसास करा दिया था कि वे विभाग में पूरी पकड़ के साथ हस्तक्षेप करेगें। उनके द्वारा किस रूट पर कितनी बसें चल रही हैं इसकी जानकारी मांगने के जबाव में रोडवेज के टाॅप टू बाॅटम अधिकारियों में मची हलचल पूत के पांव पालने में दिखाई दे जाने के मानिंद माने गये थे। टूरिस्ट परमिट की बसों पर उनके निर्देश पर जिले में शनिवार को हुई कार्रवाई से जाहिर हो गया कि योगी मंत्रिमंडल में सबसे कारगर कामकाजी मंत्री के रूप में स्वतंत्रदेव का कद टाॅप पर रहेगा।
पिछले दो दशक से टूरिस्ट परमिट की बसों ने रोडवेज की खटिया कानपुर-झांसी हाइवे पर खड़ी कर रखी थी। इस बीच सपा फिर बसपा और फिर सपा की सरकारें रहीं लेकिन किसी ने इनको टच नही किया। दो नंबर के व्यापार के लिए भी यह बसें मुफीद साधन बन गई थी। रोडवेज की टाइमिंग भी इनकी सुविधा के मुताबिक तय होती थी। जिससे माना जाता था कि शासन पर इनका दबदबा इतना बढ़ चुका है कि इनका कभी बालबांका नही होगा।
लेकिन स्वतंत्रदेव ने आज इस मिथक को चकनाचूर कर दिया। अपर पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र शाक्य की उपस्थिति में एआरटीओ प्रवर्तन ने आज टूरिस्ट परमिट की उन सात बसों को सीज कर दिया और 15 का चालान किया। जिनके बारे में कहा जाता था कि उनके घर का चूल्हा इन्हीं बस आॅपरेटरों की दक्षिणा से चलता है। इस कार्रवाई से कानपुर से झांसी तक हड़कंप मच गया है। हाईवे के थानों में भी विलाप की स्थिति है। जो इनसे अच्छा खासा महीना लेकर अपने बीबी बच्चों का पेट पाल रहे थे। रोडवेज का स्टाॅफ और आम यात्री जो कि इनकी बसों में ही सफर करते हैं बहुत खुश हैं और स्वतंत्रदेव को आशीष दे रहे हैं। उनकी उम्मीद है कि स्वतंत्रदेव एक ओर डग्गामारी पर रोक लगवायेंगे, दूसरी ओर सस्ते किराये पर रोडवेज से बेहतर सफर का भी इंतजाम करायेगें। शानदार प्रशासनिक कुशलता के साथ स्वतंत्रदेव द्वारा शुरू की गई पारी के चलते उन्हें यकीन है कि स्वतंत्रदेव से वे नाउम्मीद नही होगें।






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