एट-उरई। जिला प्रशासन दागियों को इनाम से नवाजने में जुटा रहा। बसपा सरकार के समय यहां स्थापित किये गये ग्राम सचिवालय में ताला लगवाये रखने का रिकार्ड बनाने वाली सहायक ग्राम विकास अधिकारी पंचायत को उनकी काहिली के इनाम बतौर खरूसा न्यायपंचायत का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया जाना इसका प्रमाण है।
ग्रामीणों की सुविधा के लिए न्यायपंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सचिवालय स्थापित किये गये थे। एट न्यायपंचायत में 6 ग्राम पंचायतें आती हैं। जिनकी जनता सचिवालय खुलने के निर्धारित समय सुबह 10 से शाम 4 बजे के बीच आकर बैरंग लौट जाती थी क्योंकि सचिवालय की इंचार्ज एडीओ भगवती सोनी ने शाम 4 बजे से 6 बजे तक सचिवालय खोलने का मनमाना टाइम टेबिल बना रखा था। इसके बावजूद उन पर कभी कार्रवाई नही हुई। उल्टे उन्हें खरूसा न्यायपंचायत का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया।
गौरतलब यह है कि इस न्यायपंचायत में पहले भी उनकी तैनाती रह चुकी है। तत्कालीन सीडीओ सुरेंद्र कुमार ने उन्हें ग्राम पंचायत अकोढ़ी में आवास आवंटन में 25-25 हजार रुपये की घूस लेने का दोषी पाया था। जिससे उनके खिलाफ एफआईआर की नौबत आ गई थी लेकिन किसी तरह भगवती सोनी ने इसे मैनेज कर लिया। अब वे खरूसा न्यायपंचायत का अतिरिक्त चार्ज मिल जाने से फिर से पुराने चारागाह की मालिक बन गईं हैं, देखिये अब क्या गुल खिलाती हैं।






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