उरई। जर जोरू और जमीन खूनी रंजिशों की वजह माने जाते हैं। नए जिलाधिकारी ने इसके मद्देनजर खतौनियों में उत्तराधिकारियों के नाम ईमानदारी से दर्ज करवाने के टास्क को लेकर गंभीर रूख दिखाया है। उन्होंने कहा है कि एक मई से 15 मई तक इस वास्ते चलने वाले विशेष अभियान में विवादित मामलों को छोड़कर सभी खतौनियां सही तरीके से दुरुस्त कर दी जानी चाहिए। अगर इसमें कोई बदमाशी हुई तो लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार पर निलम्बन की गाज गिराने में भी हिचक नहीं की जाएगी।
नए जिलाधिकारी नरेन्द्र शंकर पाण्डेय ने प्रशासन की जमीनी सूझबूझ दिखाते हुए अपने एजेण्डे में जमीनों के मालिकाने की स्थिति को अपडेट करने को शीर्ष पर रखा है, चूंकि इसमें होने वाली घपलेबाजी खूनखराबे का सबब बनती है। इसे लेकर कार्ययोजना जारी करते हुए उन्होंने बताया कि सबसे पहले इस क्रम में 26 से 30 अप्रैल तक उपजिलाधिकारी अपने-अपने परगने में प्रत्येक राजस्व ग्राम में खतौनी के सार्वजनिक वाचन की रूपरेखा तय करेंगे और इसकी एक प्रति उन्हें उपलब्ध कराएंगे।
इसके बाद एक मई से 07 मई तक लेखपाल तिथि के अनुसार राजस्व ग्रामों में खुली सभाएं करेंगे। यह सभा सार्वजनिक स्थान पर करानी होगी जिसमें गांव के अधिकतम लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस सभा में लेखपाल द्वारा सभी खतौनियां लोगों के सामने पढ़ी जाएंगी। इस बीच दिवंगत किसान के देहावसान की पुष्टि और उसके निर्विवाद उत्तराधिकारी की तस्दीक सभा में लोगों से कराकर लेखपाल अपनी रिपोर्ट क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक को सौंपेंगे। राजस्व निरीक्षक 8 मई से 14 मई तक खतौनी में नाम परिवर्तन करके नेट पर फीड कराएंगे। 15 मई को लेखपाल और राजस्व निरीक्षक लिखित में यह प्रमाण-पत्र देंगे कि उनके क्षे़त्र मंे उत्तराधिकारी का नाम इन्द्राज करने का कोई प्रकरण अवशेष नहीं रह गया है। इस बीच उपजिलाधिकारी और तहसीलदार भ्रमण करके यह जायजा लेते रहेंगे कि लेखपाल खुली बैठकें कराने और सही उत्तराधिकार दर्ज कराने का कार्य नियमानुसार सम्पादित कर रहे हैं या नहीं।
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी अगर इसके बाद ऐसी कोई जानकारी सामने आती है कि किसी गांव में खतौनी के वाचन के लिए खुली बैठक नहीं कराई गई है तो तहसीलदार को निलम्बित कर दिया जाएगा। अगर उत्तराधिकारी का नाम दर्ज करने में किसी मनमानी की बात उजागर होती है तो लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को निलम्बित कर दिया जाएगा।
जिलाधिकारी के इस रुख को लोग सुदृढ़ और सम्यक प्रशासन की दिशा में सबसे ठोस कदम मान रहे हैं। जिलाधिकारी ने जिस तरह सही इन्द्राज के लिए व्यूह रचना की है। उससे लोगों को उम्मीद है कि इस तरह की शाश्वत गड़बड़ियां जालौन जिले में इस बार शायद ही हो पाएं। इस मामले में फूलप्रूफ इंतजाम से जमीनों को लेकर होने वाले झगड़ों की संख्या भी न्यून रह जाएगी।






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