उरई । बाढ़ से निपटने के लिए जिलाधिकारी नरेंद्र शंकर पांडेय के निर्देशन में कालपी में स्थानीय प्रशासन ने मुस्तैदी से बंदोबस्त कर लिए हैं । कालपी तहसील क्षेत्र के यमुना तथा बेतवा नदियों के तटवर्ती अलग-अलग ग्रामों में 7 बाढ़ सुरक्षा केंद्रो की स्थापना होगी।
उप जिलाधिकारी सतीश चंद्र तथा तहसीलदार जितेंद्र पाल के मुताबिक कालपी नगर में एम एस वी इंटर कॉलेज, पंचायत भवन जीतामऊ, पंचायत भवन सिमरा शेखपुर मुस्तक़िल, विकासखंड कार्यालय महेवा, प्राइमरी पाठशाला इकौना ,जूनियर हाईस्कूल चतेला तथा जूनियर हाईस्कूल परासन शहीद नगर में बाढ़ सुरक्षा केंद्र बनाये गये हैं। बाढ़ सुरक्षा केंद्र कालपी का प्रभारी नायब तहसीलदार को, जीतामऊ का प्रभारी एडीओ पंचायत को, सिमरा शेखपुर का एडीओ रमेशचंद्र श्रीवास को , महेवा का राजस्व निरीक्षक काशीप्रसाद को, इकौना का प्रभारी देशराज एडीओ को, चतेला का राजबहादुर पटेल को तथा परासन केंद्र का प्रभारी लोकनाथ राजपूत को बनाया गया है। उन्होंने अवगत कराया कि संबंधित राजस्व कानूनगो, लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक ,पशु चिकित्सालय के कर्मचारी ,राजकीय सस्ते गल्ले के डीलर बाढ़ सुरक्षा केंद्रों में अपना योगदान देंगे। उन्होंने अवगत कराया कि बाढ़ को मद्देनजर रखते हुये यमुना तथा बेतवा नदी के अलग-अलग स्थानों में नाव की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा तहसील कार्यालय में बाढ़ से निपटने के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। कंट्रोल रूम निरंतर चालू रहेगा।
ढाई दर्जन ग्रामों में रहता है बाढ़ का खतरा
कालपी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत यमुना तथा बेतवा नदी के किनारे ढाई दर्जन ग्राम बाढ़ की जड़ में रहते हैं। इन ग्रामों में यमुना नदी के किनारे कालपी नगर, गुलौली, हीरापुर, देवकली,शेखपुर बुलदा, मैनूपुर, रायपुर मानपुर, सिमरा शेखपुर, दहेलखंड, महेवा, मगरोल ,शेखपुर गुढा, पडरी ,गुढा खास गांव बसे हैं। इसी प्रकार वेतवा नदी के किनारे चतेला,हेमनपुरा, क्योटरा, पथरहटा, बसरेही, समसी,बड़ागांव, भेड़ी, परासन चंदरसी ,कहटा, सुनैहटा आदि ग्रामों में बाढ़ का खतरा बरसात में बना रहता है। इन्हीं ग्रामों पर प्रशासन की नजर बनी रहती है




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