उरई। परिषदीय विद्यालयों के हो रहे शिक्षकों के समायोजन में कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी सरप्लस शिक्षकों की सूची एक रिक्त विद्यालयों की सूची में भारी अनियमितताओं के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार ओझा से जिला मंत्री संजय दुबे एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगत निरंजन के नेतृत्व में मिला। संरक्षक रामराजा द्विवेदी ने बीएसए को बताया कि कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी सूची में शासनादेश में दी गयी व्यवस्ािा आरटीई एक्ट 2009 के नियमों का पालन नहीं किया गया जिसमें स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रत्येक जूनियर विद्यालय में एक विज्ञान, गणित शिक्षक अनिवार्य हो। प्रत्येक जूनियर विद्यालय में तीन शिक्षक अनिवार्य रूप से नियुक्त किये जायें लेकिन बीएसए द्वारा जिस विद्यालय में प्रधान अध्यापक नहीं हैं वहां पर दो शिक्षकों के पद माने हैं जबकि वहां पर तीन शिक्षक रखे जाना अनिवार्य हैं। इतना ही नहीं शासनादेश में दी गयी व्यवस्था के विपरीत कनिष्ठ शिक्षकों के बदले वरिष्ठ शिक्षकों को ही सरप्लस बताकर हटा दिया गया है। जैसे कि दीप्ति गुप्ता पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुंवरपुरा, जितेंद्र श्रीवास्तव शहजादपुरा से तथा सुनीता राठौर जालौन तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय अकोढ़ी वरिष्ठ होने के बावजूद भी हटा दिया गया है। इतना ही नहीं मनमाने तरीके से छात्रांकन दर्शाकर शिक्षकों को हटाकर अब उन्हें परेशान किया जा रहा हैं शिक्षामित्रों से शिक्षक बने शिक्षकों का मामला भी माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। उसके बावजूद भी उनको भी स्थानांतरण नीति में शामिल कर समायोजन सरप्लस शिक्षकों की सूची में रखकर हटाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद में अभी तीन माह पूर्व डकोर विकासखंड के लगभग 80 शिक्षकों को अन्य ब्लाकों में स्थानांतरित कर पदस्थापित किया गया जबकि जिन विद्यालयों में पद स्थापित किया गया है वहां किस छात्रसंख्या को आधार माना गया तथा किस छात्रांकन के आधार पर अब उन्हें हटाया जा रहा है। यह मामला गंभीर जांच का विषय है साथ ही महिला दिव्यांगों से विकल्प लेने के नाम पर वरिष्ठता का भी कतई ध्यान नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं रिक्त विद्यालयों की सूची में किसी भी विद्यालय में विषय का निर्धारण तक नहीं कियिा गया जिसमें शिक्षक किस आधार पर अपना विकल्प भरें। शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने जिस तरह से बीएसए की आंखों में आंखें डालकर धरातल की हकीकत बतायी तो वह प्रतिनिधिमंडल के एक भी सवाल का जबाब नहीं दे पाये और बगले झांकते नजर आये। फिलहाल तो बीएसए ने एक बार फिर से जिस तरह से शिक्षकों के समायोजन का तानाबाना बंद कमरे में बुना है वह अजीबो गरीब निर्णय कहा जा सकता है। इस दौरान शिक्षक नरेश निरंजन, अनुराग मिश्रा, जगत निरंजन, बड़े राजा, युद्धवीर कंथरिया, राजेश शुक्ला, बृजेंद्र राजपूत, योगेंद्र सिंह जादौन, सोम त्रिपाठी, विद्यासागर मिश्रा, राघवेंद्र निरंजन, लालजी पाठक, नितिन निरंजन, मनीष समाधिया, कौशल निरंजन, अजय निरंजन, सुशील चंदइया, विनीत, राजेश गुप्ता, अरुण निरंजन सहित अनेकों शिक्षक उपस्थित रहे।

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