कोटरा (जालौन)।
विगत सात वर्षों से जनपद के खनिज कार्यालय में कुंडली मारे बैठे दीपक बाबू ने विगत दिवस लाखों की मौरम को कुछ ही हजार रुपये में नीलामी लगाकर निपटा दिया। हैरत की बात तो यह है कि उन्होंने आला अधिकारियों को भी इस मामले में अंधेरे में रखकर गुमराह करने से नहीं चूके। जैसे ही मामला एसओ कोटरा के संज्ञान में आया तो उन्होंने आला अधिकारियों को मामले से अवगत कराया इसी के साथ मौरम की नीलामी पर ब्रेक लग गया। अब देखने वाली बात यह होगी कि मनमाने तरीके से मौरम की नीलामी कराने वाले लिपिक के विरुद्ध प्रशासन व शासन क्या कार्यवाही अमल में लाता है यह तो समय ही बतायेगा।
बताया जाता है कि विगत दिवस खनिज कार्यालय में पदस्थ दीपक बाबू सैदगनर में सीज की गयी मौरम की नीलामी कराने पहुंचे थे जहां पर उन्होंने नीलामी बोलने आये लोगों से सांठगांठ कर लगभग एक लाख रुपये की मौरम को कुछ की घनमीटर बताकर उसकी नीलामी बोली शुरू हुयी तो नीलामी 4100 रुपये में टूट गयी। नीलामी टूटने के साथ ही मौरम माफियाओं के चेहरों पर मुस्कान बिखर गयी तभी मौके पर पहुंचे संभ्रांतजनों ने इसका विरोध दर्ज कराया और सारे मामले से थानाध्यक्ष कोटरा को अवगत कराया तो उन्होंने भी मौरम से जुड़े मामले को गंभीरता से लेकर आनन-फानन में जिला मुख्यालय के आला अधिकारियों को अवगत कराया। साथ ही यह भी बताया कि खनिज लिपिक दीपक बाबू ने उक्त मौरम को 4100 रुपये में नीलाम कर दी। इसके बाद जैसे ही मामला आला अधिकारियों के संज्ञान मंे आया तो उप जिलाधिकारी सदर ने मौरम की नीलामी बोली को तत्काल प्रभाव से रुकवा कर खनिज लिपिक के अरमानों पर पानी फेर दिया। क्षेत्रीय लोगों ने थानाध्यक्ष कोटरा व सदर उप जिलाधिकारी के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि योगी राज में इस तरह के कारनामों पर अंकुश लगाया जायेगा यही शासन की मंशा है।






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