कोंच-उरई। कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज की 143वीं जयंती पर यहां जुटे कुरमी बिरादरी के लोगों ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने का संकल्प लिया। उन्होंने शाहूजी महाराज की सम्पूर्ण जीवन वृत्त को समूचे समाज के लिये प्रेरणादायी बताते हुये कहा कि उन्होंने विधवा विवाह, बालिका शिक्षा जैसे क्षेत्रों में उस वक्त अभूतपूर्व कार्य किये जब लीक और स्थापित परम्पराओं से हट कर जाने की कोई सोच भी नहीं सकता था। वक्ताओं ने कहा कि वे एक महान समाज सुधारक के रूप में हमेशा याद किये जाते रहेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तरप्रदेश शासन के मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री जयकुमार सिंह जैकी ने यह भी कहा कि शाहूजी महाराज आरक्षण के जनक हैं, उन्होंने राजतंत्र व्यवस्था के बीच समाज के उपेक्षित और दबे कुचले लोगों के उत्थान के लिये आरक्षण व्यवस्था लागू की थी। शाहूजी महाराज का मानना था कि समाज के कमेरा समुदाय को अगर सम्मान का जीवन जीना है तो शिक्षा पर जोर देना होगा। बुंदेलखंड कूर्मि क्षत्रिय कल्याण समिति के तत्वाधान में ग्राम पडरी के अभिलाषा पैलेस के विशाल सभागार में संस्था के जिलाध्यक्ष गुलाबसिंह निरंजन की अध्यक्षता और उत्तरप्रदेश शासन में मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री जयकुमार सिंह जैकी के मुख्य आतिथ्य तथा जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन निरंजन, ब्लॉक प्रमुख कोंच ऐन्द्रकुमार सिंह निरंजन के विशिष्ट आतिथ्य में शाहूजी महाराज की 143वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम संयोजक विकास पटेल धनौरा, हिमांशु विरगुवां तथा उनकी टीम ने अतिथियों का स्वागत किया, अतिथियों द्वारा मां शारदे व अन्य महान विभूतियों के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम को गति प्रदान की गई। इस अवसर पर समाज के लिये उत्कृष्ट करने बालों के साथ साथ हाईस्कूल से स्नातकोत्तर कक्षाओं तक के उत्कृष्ट मेधावी छात्र छात्राओं को भी मंच के माध्यम से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि जैकी ने कहा कि शाहूजी महाराज ने दलित शोषित और पिछड़ों को न्याय दिलाने के लिये ऐसे उल्लेखनीय कार्य किये जिनको हमेशा याद किया जाता रहेगा। इसके अलावा उन्होंने बालिका शिक्षा पर खासा जोर दिया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राजनैतिक रूप से समर्थ हुये बिना हमारा समाज तरक्की नहीं कर सकता है लिहाजा हमें इतना जागरूक होने की जरूरत है कि सत्ता शीर्ष तक कुरमी समाज की पहुंच सुनिश्चित हो सके। एमएलसी प्रतिनिधि आरपी निरंजन, जिपं अध्यक्ष प्रतिनिधि देवेन्द्रसिंह छुन्ना, प्रोफेसर वीरेन्द्र सिंह, संस्था के केन्द्रीय अध्यक्ष शिवशंकर पटेल, अपना दल एस के जिलाध्यक्ष रामराजा पटेल आदि ने भी शाहूजी महाराज को एक महान समाज सुधारक बताया जिन्होंने 1 जुलाई 1917 को विधवा विवाह का प्रस्ताव कर कानूनी जामा पहनाया, गरीब घरों की निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह की परम्परा बनाई जिसमें सारा खर्च राज्य शासन उठाता था। उन्होंने अपने राज्य के हर गांव में एक विद्यालय खोलने की नीति बनाई और स्कूलों को आर्थिक इमदाद भी दी। इस दौरान पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण दद्दू, देवीशरण, शारदाप्रसाद, सुशील पटेल, शंकरसिंह निरंजन, आनंद पटेल वोहरा, रामशंकर छानी, विजयसिंह पनयारा, डॉ. टीआर निरंजन, केदारनाथ सिमिरिया, दीपक पटेल, डॉ. केएन सिंह, डॉ. केशवसिंह, सुनील निरंजन, बब्बूराजा नरी, प्रदीप निरंजन, अनूप टीहर, अंशू डाढी, मनोजकुमार, जितेन्द्र, राकेश कुंवरपुरा, संतसिंह धनौरा, शिवेन्द्र भेंपता, रामप्रकाश पडरी, रामबाबू पचीपुरा, रामकिशोर, लालजी प्रधान एट, चंद्रप्रकाश निरंजन, मुलायमसिंह, अभयसिंह मुखिया, नीरज पत्रकार, पूर्व ब्लॉक प्रमुख चंद्रपाल सिंह, देवीचरण, मेवालाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के साथ बेटी बढाओ भी
सेवा निवृत्त पटेल कल्याण समिति के तत्वाधान में आज शाहूजी महाराज जयंती कार्यक्रम के मंच से पडरी के अभिलाषा पैलेस में कुर्मी समाज के उत्कृष्ट समाज सेवियों तथा मेधावी छात्र छात्राओं को तो सम्मानित किया ही गया, उन माता-पिता को भी सम्मानित करने का काम किया गया जिन्होंने बेटे के बाद बेटी को जन्म देने के प्रति रुचि दिखाई। संस्था के प्रोफेसर वीरेन्द्रसिंह ने बताया कि उनकी संस्था जोरशोर से यह अभियान चला रही है कि न केवल बेटी बचाओ, बेटी पढाओ बल्कि बेटी बढाओ भी। उनकी इस सोच को समाज में काफी प्रोत्साहन भी मिल रहा है और संस्था उन माता-पिता को सम्मानित करने का भी काम कर रही है जिन्होंने इस सोच को अमली जामा पहनाया है। एमएलसी प्रतिनिधि आरपी निरंजन ने मंच के माध्यम से ऐसे कुछ जोड़ों को सम्मानित करते हुये इसे आगे बढाने की जरूरत भी बताई, कहा कि अगर समाज में बेटियां ही नहीं होंगी तो बेटों के लिये बहुयें कहां से लायेंगे।






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