उरई |
जिला मुख्यालय में अवैध तरीके से संचालित लगभग आधा सैकड़ा हास्टल जो आवासीय भवनों में संचालित हो रहे हैं ऐसे हास्टलों पर प्रशासन शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गया हैं आने वाले समय में जहां जिला विद्यालय निरीक्षक स्वयं ऐसे हास्टलों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उन पर कार्यवाही की नकेल सकेंगे। तो वहीं नामचीन शिक्षण संस्थानों के प्रबंधतंत्र में जिस तरह से पैसा कमाने की भूख बढ़ी है उसी का नतीजा है कि वह शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ आवासीय हास्टल खोलकर शुद्ध मुनाफा कमाने के प्रयासों में जुट गये हैं। जो भोलेभाले ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले अभिभावकों को गुमराह कर वार्षिक मोटी रकमें वसूल करते हैं और सुविधाओं के नाम पर अव्यवस्थाओं का पिटारा खुला रखते हैं।
गौरतलब हो कि जिला मुख्यालय में पिछले कुछ वर्षों से आवासीय हास्टल खुलने का सिलसिला शुरू हुआ था इसके बाद तो नगर में लगभग आधा सैकड़ा के लगभग आवासीय हास्टल आवासीय भवनों में खुल गये जहां ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले अभिभावकों को गुमराह कर उनसे वार्षिक मोटी रकमें वसूल कर रातों रात लखपति से करोड़पति बनने का तानाबाना बुनकर अभिभावकों को फंसाने के प्रयासों में जुटे हुये हैं। हास्टलों के संचालन के पीछे एक कड़वी सच्चाई यह है कि ज्यादातर हास्टलों का संचालन नामचीन शिक्षक संस्थाओं के प्रबंधतंत्र के द्वारा संचालित होते हैं लेकिन वह अपना नाम सामने न रखकर अपने ही किसी कर्मचारी को हास्टल का बार्डन बनाकर उसके हवाले कर देते हैं और बदले में ऐसे बार्डन को एक निर्धारित वेतन देते रहते हैं। ताकि यदि ऐसे हास्टलों पर कभी प्रशासन की नजर टेढ़ी हो या फिर कोई अप्रिय घटना घटित हो जाये तो अपने दामन को तो पाकसाफ बताया जा सके। ऐसा ही मामला पिछले दिनों कोंच बस स्टैंड के समीप एसआर इंटर कालेज के द्वारा संचालित नव चेतना हास्टल के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में हुयी मौत के बाद जिला प्रशासन का ध्यान अवैधानिक तरीके से संचालित हास्टलों की ओर गया। जब इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल से मोबाइल से जानकारी चाही तो उनका कहना था कि वैसे तो देखा जाये कि हास्टल संचालन के लिये जो मानक है उनको तो शायद ही कोई हास्टल संचालन पूरा करने की स्थिति हो। जिससे एक बात तो पूरी तरह से साफ है कि ज्यादातर हास्टल अवैध तरीके से संचालित हो रहे है। जिनका वह आने वाले समय में स्थलीय निरीक्षण कर विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं को परखने का प्रयास करेंगे ताकि ऐसे अवैध हास्टलों का संचालन करने वालों पर कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जा सके। तो वहीं सिटी मजिस्ट्रेट का कहना था कि वह भी अपने स्तर से नगरीय क्षेत्र में संचालित हास्टलों के बारे में जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित करायेंगे ताकि समय-समय पर उनका निरीक्षण कर मानकों को परखा जा सके।






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