उरई। हत्यारोपी शख्स की अपने घर में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद विवादों के घेरे में चल रहे कदौरा के प्रभारी निरीक्षक मुकेश वर्मा की मुसीबत और बढ़ गई है। मुकेश वर्मा ने उक्त शख्स को अपने दामाद की हत्या में आरोपित होने के कारण हिरासत में लेने के कुछ दिनों बाद विचित्र तरीके से छोड़ दिया था जिसे लेकर क्षेत्रीय विधायक के सामने उन पर डेढ़ लाख रुपये की सौदेबाजी करने का आरोप भी लगाया गया था। पिछले पुलिस कप्तान के कृपा पात्र होने की वजह से बालू घाट के थानों के एक्सपर्ट बना दिये गये मुकेश वर्मा को जब कोटरा से स्थानांतरित किया गया तो उन्हें और ज्यादा मलाईदार कदौरा थाने की बागडोर सुपुर्द कर दी गई। मुकेश वर्मा पर आये दिन आरोप लगते रहे हैं जिससे वे नये कप्तान के लिए बोझ बन गये हैं। इस बीच गत रात हुई एक घटना ने उनके लिए फैसलाकुन माहौल तैयार कर डाला है। किस्सा कोताह यह है कि कदौरा कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत इकौना गांव के निवासी रामआसरे ने अपनी पुत्री सुनीता का विवाह कोतवाली क्षेत्र हमीरपुर के गांव चंदलीपीर में इंद्रपाल के साथ किया था। गत 5 अगस्त 2016 को इंद्रपाल मायके आई सुनीता की विदा कराने दो साथियों के साथ इकौना आया। लेकिन जब उसके साथी लौटे तो इंद्रपाल उनके साथ नही था। उन्होंने इंद्रपाल के पिता को बताया कि ससुराल वालों ने इंद्रपाल की हत्या कर उसका शव यमुना में फेंक दिया है। इस पर इंद्रपाल का पिता 7 अगस्त 2016 को कदौरा में सुनीता उसके पिता रामआसरे और पिता के ही नाम के बड़ागांव निवासी मामा रामआसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए कदौरा थाने पहुंचकर गिड़गिड़ाया पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने उसकी एक नही सुनी। इसके बाद उसने मुकदमा दर्ज कराने के लिए 156(3) सीआरपीसी के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। जिस पर अदालत ने सकारात्मक आदेश पारित कर दिया। नतीजतन तीनों आरोपियों के विरुद्ध 16 जून 2017 को इंद्रपाल की हत्या का मुकदमा कायम हो गया। इस मामले में सुनीता और उसके मामा रामआसरे की गिरफ्तारी तो पुलिस ने जल्द ही कर ली लेकिन पिता रामआसरे की गिरफ्तारी में टाल-मटोल होती रही। इसकी शिकायत होने पर 30 जुलाई को मुकेश वर्मा ने पिता रामआसरे को भी हिरासत में ले लिया। लेकिन एक हफ्ते तक उसका चालान नही किया। एक हफ्ते बाद उसे उन्होंने थाने से घर के लिए सकुशल रवाना कर दिया। इसकी शिकायत क्षेत्रीय विधायक के आने पर उनसे की गई और आरोप लगाया गया कि मुकेश वर्मा ने डेढ़ लाख रुपये लेकर रामआसरे को छोड़ा है। इस पर क्षेत्रीय विधायक ने लोगों के सामने ही प्रभारी निरीक्षक मुकेश वर्मा को फोन लगाया। दूसरी ओर से मुकेश वर्मा ने विधायक को सफाई दी कि आरोप गलत है। रामआसरे की तबियत खराब थी जिसकी वजह से उन्हें उसको मोहलत देनी पड़ी। एक-दो दिन में ही वे उसे दोबारा से गिरफ्तार करके जेल भिजवा देगें। बात आई-गई हो जाती लेकिन बीती रात रामआसरे अपने घर में अचानक चल बसा। जिसके बाद नया बबंडर खड़ा हो गया। मुकेश वर्मा के कारनामों को देखते हुए रामआसरे की मौत को सामान्य मानने से इंकार कर रहे हैं और इसमें किसी साजिश की बू सूंघने में लगे हैं। जिला स्तर तक इसे लेकर अफवाहों का बाजार गर्म होने पर कदौरा पुलिस फिर हरकत में आ गई। बताया गया है कि मुकेश वर्मा इकौना में रामआसरे की डैड बाॅडी अपने कब्जे में लेने गये हैं तांकि उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज सकें। अब यह पुलिस अधीक्षक के लिए सोचने की बात है कि जिस एसएचओ का परसेप्शन पब्लिक में इस कदर खराब है कि क्षेत्र की हर गतिविधि पर संदेह गहरा जाता हो। उसे ढोकर विभाग को शामत मोल लेने की क्या जरूरत है।

Leave a comment

I'm Emily

Welcome to Nook, my cozy corner of the internet dedicated to all things homemade and delightful. Here, I invite you to join me on a journey of creativity, craftsmanship, and all things handmade with a touch of love. Let's get crafty!

Let's connect

Recent posts