उरई। छदम प्रेस रिपोर्टरों द्वारा रंगदारी वसूली ने अपराधों की दुनियां में नया आयाम जोड़ दिया है। सरकार और पुलिस के पिददीपन का लाभ उठाकर मीडिया का चोला ओढ़े अराजक तत्वों का दुस्साहस सारी सीमाएं लांघता जा रहा है। शुक्रवार को ऐसे ही एक तथा कथित पत्रकार की ब्लैकमेलिंग से अपना सुख-चैन हराम करा लेने के बाद कदौरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाॅफ को सड़कों पर उतरना पड़ा। बताया गया है कि कदौरा में एक तथाकथित प्रेस रिपोर्टर पिछले कुछ दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर बबाल काटे हुए था। उसके दुस्साहस की इंतहा यह रही कि वह नर्सों के अश्लील पोज खीचने में भी बाज नही आ रहा था और चिकित्साधीक्षक डाॅ. डीएस चैधरी सहित सभी डाॅक्टरों को उसने चैन से रहने के लिए उसे मंथली बांधने का संदेशा पहुंचा रखा था। डाॅक्टरों ने यह बात प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को बताई लेकिन मीडिया के नाम से बधियाकरण करा चुके अधिकारियों की हिम्मत नही हुई कि उन्हें अवैध वसूली से संरक्षण देने का साहस दिखाते। अंततोगत्वा आज डाॅक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाॅफ ने कदौरा की सड़कों पर मार्च करते हुए उनकी नपुंसकता का भांडा फोड़ा और थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ नामजद शिकायती पत्र दिया। इसके बावजूद भी पुलिस अपने अस्तित्व का एहसास जनमानस को कराने के लिए आरोपी पर कोई कदम उठायेगी इसकी उम्मीद लोगों को बहुत कम है। वैसे यह अकेले कदौरा की, अकेले जनपद जालौन की समस्या नही है बल्कि पूरे प्रदेश में सरकार व प्रशासन की कापुरुषता का फायदा उठाकर अराजक तत्व मीडिया का नाम धरकर अवैध वसूली करने, सटटा खिलवाने, जुआ खिलवाने और यहां तक कि स्मैक बिकवाने के धंधे में बेखौफ होकर संलग्न हो गये हैं क्योंकि उन्हें पता है कि मीडिया का नाम ही काफी है। इसके बाद न पीएम, न सीएम और न अधिकारियों की हिम्मत है कि उनकी तरफ आंख उठाकर भी देख लें।






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