कोंच-उरई। सूबे के किसानों से ऋण माफी का वायदा करके यूपी की सत्ता में काबिज हुई योगी सरकार ने हालांकि कैबिनेट की बैठक में लघु एवं सीमांत किसानों का एक लाख कर्ज माफ करने का फरमान जारी कर दिया है लेकिन इस ऋण माफी का लाभ कितने किसान पा सकेंगे, यह बड़ा सवाल है और अधिकारी भी अभी असमंजस की स्थिति में हैं। अधिकारियों के मुताबिक हालांकि उनके पास अभी तकरीबन अस्सी हजार किसानों की की सूची है लेकिन उनमें कुछ खामियां होने के कारण परीक्षण चल रहा है। परीक्षण के बाद ही यह तय हो सकेगा कि कितने किसान ऋण माफी के दायरे में आ रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा सूची से आधे से ज्यादा किसान ऋण माफी के दायरे से बाहर हो सकते हैं।
योगी सरकार द्वारा एक लाख तक कर्ज माफ करने का फरमान जारी होने के बाद तहसील में किसानों का जो मेला शुरुआती दौर में उमड़ा था उसमें हालांकि अब कमी आई है लेकिन किसान अभी भी परेशान हाल तहसील और बैंकों के चक्कर काट रहा है। लघु और सीमांत किसान ही इस दायरे में आये हैं और सभी बैंक शाखाओं ने तहसील को अपने कर्जदारों की सूचियां भेज दी हैं लेकिन उपलब्ध सूचियों में हजारों किसान अभी भी नदारत हैं जिन्हें लेकर उन्हें कहीं से सटीक जबाब की तलाश है कि आखिर उनके नाम पात्रता सूचियों में क्यों नहीं हैं। इस बड़े सवाल को लेकर अधिकारियों के पास हालांकि कोई ठोस जबाब नहीं है लेकिन उनका कहना है कि उन लघु और सीमांत किसानों जिनके खाते एनपीए हो गये हैं, पर अभी सरकार ने ही कोई फैसला नहीं लिया है। एडीएम आरके सिंह ने आज यहां मीडिया के सवालों के जबाब में बताया कि उनके पास फिलहाल अस्सी हजार किसानों की सूची है लेकिन उनमें कई खामियां हैं जिनका परीक्षण जारी है। लेखपालों की रिपोर्ट के बाद ही सूचियां फइनल हो सकेंगी। एक अनुमान जताते हुये उन्होंने बताया कि इस अस्सी हजार की सूची में उन्नीस हजार जीरो बैलेंस बाले हैं, इसी तरह हजारों खातों में खामियां हैं जिसके चलते संभावना इस बात की बन रही है कि ऋण माफी का लाभ केवल पैंतीस से चालीस हजार के बीच ही किसान ले सकेंगे। इस दौरान एसडीएम सुरेश सोनी, तहसीलदार सतीश वर्मा आदि मौजूद रहे। बहरहाल, इस स्थिति में दायरे में आने बाली जोत सीमा के किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।






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