उरई। अटरिया के सैकड़ों ग्रामीणों ने आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहंुचकर एसओजी टीम की मिलीभगत से अपराधियों के द्वारा की जा रही गुंडा टैक्स वसूली पर रोक लगाने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अटरिया नरसिंह पुत्र मानसिंह के अलावा गांव के रामकेशव अहिरवार, इंद्रकुमार, जितेन्द्र निरंजन, विनीत सिंह, अखिलेश अवस्थी, जितेन्द्र सिंह चैहान, गंगा प्रसाद, मो. गनी, लक्ष्मी नारायण सिंह, योगेन्द्र पाल ठाकुर, संजय सिंह, शिवपाल सिंह, कृष्ण कुमार, रामजी सिंह, अजीत सिंह, भिखारीलाल, भोला यादव, महेन्द्र सिंह चैहान, मोहित पटेल, रिंकू ठाकुर, विजय पाल, बबलू, राघवेन्द्र सिंह, ऊदल सिंह पाल, पूरन, हरनारायण सिंह गोकरन सिंह, बुद्ध सिंह, गजराज सिंह यादव छदामी खटीक, जयप्रकाश, श्यामप्रकाश तारा चंद्र ब्रजनाथ सिंह, पंकज सिंह, साहब सिंह आदि तमाम ग्रामीणों ने बताया कि नरसिंह अपने चचेरे भाई शैलेन्द्र पुत्र फूलसिंह के यहां बैठा हुआ था तभी 15 अगस्त को सुबह साढे दस बजे दीपू खटीक पुत्र जगदीश खटीक तमंचा लेेकर आया और दो हजार रुपये की मांग करने लगा। तब तक उसके साथी जगदीश पुत्र मोहनलाल, नीतू व जितेन्द्र पुत्र जगदीश, सुदामा पुत्र मोहनलाल एकराय होकर आए और लात घूसों, डंडों, तमंचों की बटों से उसके साथ मारपीट करने लगे जिससे वह घायल हो गया। घटना की रिपोर्ट आटा थाना पुलिस ने दर्ज कर ली है। उन्होंने बताया कि दीपू खटीक का अपराधिक इतिहास है और उनका काम गिरोह बनाकर लूटपाट करना, महिलाओं से छेड़खानी एवं चोरी करना। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दीपक के द्वारा भी अपने भाई नीतू का फर्जी मेडीकल करवाकर उसके तथा उसके भाई शैलेन्द्र, धर्मवीर, गोपाल, गिरेन्द्र, बुंदेला, कढोरे के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया था जबकि उस दौरान कुछ लोग गांव के बाहर थे। ग्रामीणों का आरोप था कि एसओजी टीम के सिपाही रबी भदौरिया, शैलेन्द्र चैबे, मनोज, नीतू कुमार के द्वारा दीपक एवं उसके साथियों को संरक्षण दिया जा रहा है। जिसके कारण उक्त लोगों द्वारा गांव के हर घर में एक-एक हजार रुपये भेजने की धमकी दी जा रही है जिससे पूरे गांव के लोग परेशान है। ग्रामीणों ने दीपक एवं उसके साथियों के साथ ही एसओजी टीम के सिपाहियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की।




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