उरई। मध्य प्रदेश से अवैध रूप से खनन कर लाई जाने वाली बालू का जिले के रास्ते से होकर दूर-दूर तक परिवहन का सिलसिला रास्ते में पड़ने वाले सभी थानों और प्रशासनिक अधिकारियों की जेबे गर्म होने से बंद नही हो पा रहा है। जबकि इस बारे में सोशल मीडिया पर लगातार खबरे वायरल कर लोग जिले के उच्चाधिकारियों को अवगत कराने में कोई कोर कसर बाकी नही रख रहे। भिंड में दोबारा ईमानदारी की वजह से पदस्थ किये गये कलेक्टर इलईया राजा ने अपने तई बालू खनन पर पूर्ण विराम लगा दिया है। लेकिन जालौन जिले की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के क्षेत्र में रात में चोरी छुपे जेसीबी तक से बालू खनन हो रहा है जिसकी उन्हें भनक नही है। इलईया राजा की निगाह अपने जिले से ग्वालियर आदि स्थानों पर बालू के अवैध परिवहन पर तो रहती है जिसमें बेशक परिंदा तक पर नही मार पा रहा लेकिन उन्हें नही पता कि ग्रामीण सड़कों पर कुछ किलोमीटर के बाद ही उनके यहां के ट्रक जालौन जिले में घुस आते हैं जिसके बाद इस जिले में उनको ओवरलोड होने के बावजूद पूरा अभयदान प्राप्त रहता है। बालू माफिया जालौन जिले से औरैया के रास्ते कानपुर, आगरा तक बालू भेजते हैं। इस क्रम में पुलिस और प्रशासन को भारी रकम बांटी जाती है। मध्य प्रदेश के बालू माफिया माधौगढ़ के सीओ का कृतज्ञता पूर्ण आभार उनके उदार सहयोग के लिए सबसे ज्यादा जताते हैं। जिसमें भगवान जाने क्या सच्चाई है। माधौगढ़ में पूर्ति विभाग की दलाली करने वाले एक वकील साहब का नाम लोकेशन देने का मोर्चा संभालने के लिए लिया जाता है। उधर मध्य प्रदेश की सीमा से रामपुरा सीधे ओवर लोड ट्रक लाने के रास्ते का भी इस्तेमाल थाना पुलिस और ऊमरी चैकी पुलिस के सहयोग से भरपूर हो रहा है। उधर पुलिस वालों से बात करिये तो उनका कहना रहता है कि कोयले की दलाली में कोई उनके अकेले हाथ काले नही है, इसमें तो जनप्रतिनिधि भी हाथ बंटा रहे हैं। बहरहाल जो भी हो लेकिन अवैध बालू परिवहन पर रोक न लग पाने से राज्य सरकार की नाक सीमावर्ती क्षेत्रों में जनमानस के बीच जमकर कटती दिखाई दे रही है।






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